नईदिल्ली
दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे राजधानी में हर रोज औसतन 107 वाहन चोरी हो जाते हैं। खास बात यह है कि चोर मॉडल और रंग के हिसाब से महंगी कारों के अलावा बाइक तक चोरी कर रहे हैं।करीब दो करोड़ से अधिक जनसंख्या वाली दिल्ली में पार्किंग एक बड़ी समस्या है। पार्किंग के लिए समुचित जगह न होने से अधिकतर लोग अपने वाहनों को अपनी नजरों से दूर कहीं भी पार्क करने को मजबूर होते हैं जहां से वाहन चोर उसे उड़ा ले जाते हैं।
दिल्ली पुलिस के इस वर्ष के छह माह के आंकडों पर नजर डालें तो राजधानी के विभिन्न इलाकों से 19 हजार से ज्यादा वाहन चोरी हो चुके हैं। यानी औसतन हर रोज दिल्ली से 107 वाहन चोरी होते हैं। वाहन चोरी के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने में दिल्ली पुलिस पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
10 साल पहले नहीं होती थी ऑनलाइन FIR
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वाहन चोरों के लिए दिल्ली सबसे पसंदीदा शहर इसलिए है क्योंकि यहां से वाहन चोरी कर वे वाहनों को लेकर आसानी से पड़ोसी राज्यों में प्रवेश कर जाते हैं। करीब 10 वर्ष पहले वाहन चोरी के मामले में ऑनलाइन एफआइआर करने की सुविधा नहीं थी, तब वाहन चोरी के मामले कम होते थे।
इसके पीछे कारण यह था कि उस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों का थाना पुलिस पर एक प्रकार का दबाव रहता था। अगर किसी थाना क्षेत्र में वाहन चोरी अधिक होते थे तब थानाध्यक्ष को जवाब देना होता था।
इलाके के बीट अफसरों पर भी वाहन चोरी के मामले को रोकने का दबाव रहता था। वाहन चोरी की घटना होने पर बीट अफसरों के अलावा इलाके के एसीपी व थानाध्यक्ष भी मौके पर पहुंच कर मुआयना करते थे।
19,277 वाहन हुए चोरी, सुलझे मात्र 3,357
थाने में केस दर्ज होने पर जांच अधिकारी को उक्त मामले को सुलझाने का दबाव रहता था। लेकिन आनलाइन आनआइन एफआइआर की सुविधा शुरू होने के बाद पुलिस अब न तो मौके पर जाकर मुआयना करती है और न ही मामले की गंभीरता से तफ्तीश करती है।
यही कारण है कि वाहन चोरी के मामलों को सुलझाने की दर काफी कम है। गत छह माह में वाहन चोरी के 19 हजार से अधिक मामलों में से पुलिस ने मात्र 3,357 मामलों को ही सुलझा सकी है।
कब-कब होती है वाहन चोरी की घटनाएं…
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अब तक पकड़े गए गिरोहों का वाहन चोरी करने अलग-अलग ट्रेंड देखने को मिला। कुछ गिरोह सुबह 5:00 बजे से 8:00 बजे तक मार्निंक वॉक को जाने वाले वाहन चालकों को निशाना बनाते हैं। लोग गाड़ी पार्क कर जिम या पार्कों में चले जाते हैं तो चोर उसे उड़ा लेते हैं।
कुछ गिरोह दोपहर 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक यह काम करते हैं। कार्यालय के समय पर सड़क पर खड़ी गाड़ियों को चोरी करते हैं। अधिकतर संगठित गिरोह महंगी कारों को रात 11:00 बजे से सुबह 4:00 बजे के बीच चोरी करते हैं। इस समय सबसे अधिक वाहन चोरी होते हैं।
छह माह में हुए वाहन चोरी के मामले…..
वर्ष———-मामले— सुलझाए गए—–गिरफ्तारी
-2023 19277 3203 2347
-2022 11157 3357 2510
नोट : दोनों वर्षों के आंकड़े एक जनवरी से 30 जून तक के हैं।