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महिलाओं की सुरक्षा के लिए नोएडा कमिश्नरेट का प्लान, 20 हजार को जोड़ा

 नोएडा
कमिश्नरेट पुलिस ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में महिलाओं के लिए असुरक्षित 122 स्थान (डार्कस्पॉट) चिह्नित किए। इन स्थानों पर सुरक्षा और गश्त बढ़ाई गई है। इसके अलावा स्थायी पिकेट और पिंक बूथ बनाए जा रहे हैं। निगरानी बढ़ाने के लिए कैमरे भी लगवाए जा रहे हैं। पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि कमिश्नरी क्षेत्र में 36 स्थान चिह्नित किए, जहां पर महिलाओं के साथ यौन अपराध की घटनाएं हुईं और इन स्थानों पर इस तरह की घटनाएं होने की संभावना अधिक रहती है। इन स्थानों पर पुलिस की स्थायी पिकेट तैनात की जा रही है।

इसके अलावा 86 स्थान ऐसे चिह्नित किए गए, जहां पर परिवहन के साधन नहीं मिलते और महिलाओं से छेड़छाड़ की घटनाओं की संभावना रहती है। इसमें शामिल चार प्रमुख स्थानों सेक्टर-135, परी चौक, बॉटेनिकल गार्डन और ग्रेनो वेस्ट में चेरी काउंटी के पास पिंक बूथ शुरू किए गए। 60 से अधिक स्थानों पर पिंक बूथ बनाने की तैयारी है। पुलिस कमिश्नर के अनुसार महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए पूरे क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। कमिश्नरी क्षेत्र में 4628 स्थानों पर कैमरे लगाए जाने हैं जिनमें से 4460 स्थानों पर कैमरे लग चुके हैं। 168 स्थानों पर शीघ्र कैमरे लग जाएंगे।

उन्होंने बताया कि 127 बीट चिह्नित कर 367 महिला अधिकारी नियुक्त की गईं। बीट क्षेत्र में एक-एक मिशन शक्ति कक्ष बनाया गया है, जहां चौपाल लगाकर महिलाओं की समस्याएं सुनी जाती हैं। हर गांव, मोहल्ले, सेक्टर और सोसाइटी की आरडब्ल्यूए-एओए में एक-एक शक्ति दीदी को चिह्नित किया गया है, जो महिलाओं को व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़कर उनसे संवाद स्थापित करती हैं। सभी बीट अधिकारी भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में स्वयं सिद्धा इकाई स्कूटी से गश्त कर महिलाओं को जागरूक करती हैं।

मिशन शक्ति कार्यक्रम के तहत कमिश्नरी में चार पिंक बूथ खोले गए हैं जिसमें महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं तथा बुनियादी सुविधाओं का लाभ उठा सकती हैं। जिले के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क कार्य कर रही हैं। पुलिस ने पिछले छह महीने में महिला संबंधी प्रार्थना पत्रों का 100 प्रतिशत निस्तारण करने का दावा किया। स्कूल के समय सड़कों पर अतिरिक्त पुलिस टीमें रहती हैं। सैर करने वालों की सुरक्षित माहौल देने के लिए गश्त बढ़ाई गई। इस साल में महिला संबंधी आपराधिक मामलों में 448 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

जिले में सबसे ज्यादा कामकाजी महिलाएं

प्रदेश में सर्वाधिक कामकाजी महिलाएं गौतमबुद्ध नगर में हैं। यहां पर कंपनियों की सीईओ से लेकर महिला कर्मचारी काम रही हैं। ये महिलाएं 24 घंटे की शिफ्ट में काम करती हैं, जिन्हें सुरक्षा देने के लिए पुलिस ने विस्तृत योजना बनाई है। इस पर काम किया जा रहा है।

छेड़खानी करने के आरोपी जेल भेजे गए

पुलिस ने महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले 1855 आरोपियों को चिन्हित किया। इसमें से 1659 को पुलिस ने काउंसलिंग कराई। इनके परिजनों को चेतावनी दी गई कि उनके करियर को देखते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। अगर वे फिर छेड़खानी करते पकड़े गए तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा। इसके अलावा 20 आरोपियों को जेल भेजा गया। छह मामलों में एनसीआर दर्ज की गई। छेड़खानी के 125 आरोपियों को मुचलका पाबंद भी किया गया और दस पर गुंडा ऐक्ट की कार्रवाई की गई।

पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने कहा, 'कमिश्नरी क्षेत्र में महिलाओं को पूरी सुरक्षा मिलेगी। इसके लिए पुलिस टीमें योजना बनाकर काम कर रही हैं। पुलिस न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए काम कर रही हैं, बल्कि यौन अपराध पीड़ितों की काउंसलिंग कर रही हैं, ताकि वे सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें। अभी तक 166 यौन अपराध पीड़िताओं की काउंसलिंग की जा चुकी है।'

जिले में 20 हजार महिलाओं को जोड़ा

पुलिस ने जिले में महिलाओं से बेहतर संवाद स्थापित करने और उनकी समस्याओं को जानने के लिए विशेष अभियान चलाया। इसके तहत गांव, सोसाइटी, सेक्टर, फैक्टरी और शिक्षण संस्थानों में उनके साथ चौपाल आयोजित की गई। कमिश्नरी ने बताया कि इस तरह की करीब पांच हजार चौपालें अभी तक आयोजित की जा चुकी हैं। इसके साथ ही 750 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर 20 हजार से अधिक महिलाओं को अपने साथ जोड़ा गया है। इन ग्रुप पर महिला पुलिस अधिकारी संवाद करती हैं।

 

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