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बहुत जल्द बसने जा रहा नया नोएडा, क्या-क्या होगा खास; क्यों शिकागो से होने लगी तुलना

 नोएडा

नए नोएडा के मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने से यह योजना एक कदम और आगे बढ़ गई। पूरा शहर एक साथ बसाने के बजाए इसे अलग-अलग चार जोन में बांटकर बसाया जाएगा। मास्टर प्लान तैयार करने वाली एसपीए (स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर) ने इसे शिकागो और अन्य यूरोपियन देशों की तर्ज पर जोन में बांट विकसित करने का प्लान तैयार किया है। शासन ने 29 अगस्त 2017 में विशेष निवेश क्षेत्र गठित किया गया था, जिसको डीएनजीआईआर यानि नया नोएडा नाम दिया गया।

दादरी और बुलंदशहर के 84 गांवों की जमीन पर नया नोएडा बसना है। इसको जोन में बांटकर विकसित किया जाएगा। उदाहरण के तौर पर साउथ जोन, ईस्ट जोन, वेस्ट जोन और नार्थ जोन में बांटा जाएगा। प्रत्येक जोन में अलग-अलग इंडस्ट्री का हब होगा। इसके बाद वर्ष 2041 तक पूरा नया नोएडा शहर बसा दिया जाएगा। नया नोएडा औद्योगिक नगरी के साथ-साथ शिक्षा की नगरी से भी जाना जाएगा। शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त संख्या में उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज खोले जाएंगे। यहां पर मेडिकल और पैरामेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि नए नोएडा में शिक्षा के लिए काफी बड़े स्तर पर जमीन आवंटित की जाएगी। ऐसे में यहां बसने वाले लोगों को शिक्षा पाने के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। नए नोएडा में विश्वविद्यालय कैंपस, मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज, प्रोफेशनल कॉलेज, नर्सिंग पैरामेडिकल इंस्टीट्यूट, इंटीग्रेटेड कॉलेज, टेक्निकल कॉलेज आदि होंगे। मास्टर प्लान 2041 के मुताबिक कॉलेजों के लिए एक हजार 662 हेक्टेयर जमीन को रिजर्व किया गया है। ये एरिया पीएसपी इंस्टीट्यूशन के लिए है, जिसमें सस्थागत क्षेत्री की इंडस्ट्री भी काम करेंगी।

प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि पांच फेज में नया नोएडा विकसित किया जाएगा। पहला फेज-2024 में 10 प्रतिशत जमीन अधिग्रहण से शुरू होगा तब 2028 तक 537.09 हेक्टेयर जमीन पर प्लानिंग धरातल पर आ जाएगी। इसी तरह दूसरा फेज-2028, तीसरा फेज-2032 तो चौथा फेज-2036 और पांचवां फेज-2041 से शुरू कर 2047 तक पूरा करना होगा। वहीं कनेक्टिविटी में जेवर एयरपोर्ट के साथ रेलवे कनेक्टिविटी भी देने की तैयारी है।

आबादी छह लाख होगी
नए नोएडा में कॉमर्शियल, पीएसपी इंस्टीट्यूशन, फैसिलिटी/ यूटिलिटी, और वाटर बॉडी होंगी। इस शहर की कुल आबादी 6 लाख मानी जा रही है, जिसमें 3.5 लाख की आबादी माइग्रेट होगी। इनके लिए श्रेणीवार फ्लैट बनेंगे। आवासीय क्षेत्र दो हजार हेक्टेयर से ज्यादा होगा।

सड़कों का जाल बिछेगा
शहर में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए तीन टाइप की सड़क का जाल बिछाया जाएगा। पहली आर्टियल रोड ये 40.68 किलोमीटर लंबी बनाई जाएंगी। दूसरी सब आर्टियल रोड 98.34 किलोमीटरऔर तीसरी सेक्टर रोड 126.09 किलोमीटर की होंगी। सड़कों का यह नेटवर्क नए नोएडा के बीच से निकलने वाली करीब 130 मीटर चौड़ी ग्रिड रोड से जुड़ेगा। यह रोड दादरी से शुरू होकर खुर्जा की तरफ जाएगी। खुर्जा के छोर पर इससे दो सड़कें निकलेंगी जो एक खर्जा जाएगी दूसरी जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ेगी।

शिकागो इंडस्ट्रियल हब की पहचान
शिकागो इंडस्ट्रियल हब मुख्यत सड़क, रेलवे हवाई मार्गों से जुड़ा है। इससे निवेशकों को बेहतर विकल्प मिलते हैं। इसी तरह डीएनजीआईआर यानि नए नोएडा की भी सामरिक क्षमता है। यह बुलंदशहर की ओर जाने वाले जीटी रोड और हावड़ा की ओर जाने वाली रेलवे लाइन के मध्य स्थित है। -वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर दादरी से मुंबई तक है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर लुधियाना से कोलकाता तक वाया खुर्जा प्रस्तावित है। खुर्जा से एक एसपीयूआर दादरी तक निर्मित की जाएगी। ईस्टर्न व वेस्टर्न कॉरिडोर का कॉमन प्वाइंट होगा। हवाई सेवा और कार्गो के लिए जेवर एयरपोर्ट है।

जिम्मेदारी मिली
शुरुआत में इसको बसाने की जिम्मेदारी यूपीसीडा को दी गई थी लेकिन बाद में आंशिक संशोधन किया गया। शासन ने 29 जनवरी 2021 इस क्षेत्र को बसाने का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण को दिया गया।

1000 करोड़ के बजट को मंजूरी
1000 करोड़ रुपये के बजट को प्राधिकरण ने पिछली बोर्ड बैठक में मंजूरी दे दी थी डीएनजीआईआर में भूमि अधिग्रहण और आंतरिक विकास के लिए। यह राशि भूमि आवश्यकताओं को पूरा करेगी।

 

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