उत्तर प्रदेशराज्य

यूपी के शामली से आईएसआई एजेंट कलीम अरेस्ट, अलग-अलग शहरों में हमले की थी साजिश

 मेरठ

मेरठ एसटीएफ ने आईएसआई और आतंकी कनेक्शन के चलते शामली से कलीम को गिरफ्तार किया है। उसके आईएसआई हैंडलर और आतंकी संगठनों से संपर्क में होने के पुख्ता साक्ष्य मिले हैं। कलीम कुछ दिन पहले पाकिस्तान की जेल से छूटकर आया है। एसटीएफ ने खुलासा किया कि वह देश में मुजाहिद्दीन की जमात बनाना चाहता था और इसके लिए हथियार जुटाए जा रहे थे। कलीम, मुजाहिदीन की जमात बनाना चाहता था और देश में साइलेंट वार शुरू करने की साजिश थी। अलग-अलग शहरों में जनता पर हमला करने की योजना बनाई गई थी, ताकि हिंसा कराई जा सके।

एसटीएफ एएसपी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि 23 जुलाई 2022 को पाकिस्तान में पिस्टल के साथ शामली के नौकुआं थाना कोतवाली निवासी नसीम अहमद, उसकी पत्नी अमीना और बेटे कलीम को पकड़ा गया था। 10 अगस्त को तीनों को रिहा कर दिया गया। 12 अगस्त को सभी को शामली लाया गया।

इसके बाद से ही इस परिवार की गतिविधियों पर लगातार खुफिया एजेंसी, एटीएस और एसटीएफ नजर बनाए हुए थीं। एसटीएफ टीम ने कलीम को बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया। खुलासा किया कि कलीम, उसके भाई तहसीम और इमरान का संपर्क करीब चार-पांच साल से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और इनसे जुड़े आतंकियों से है।

हवाला के जरिये आती थी रकम

एसटीएफ एएसपी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि आरोपी देश विरोधी गतिविधियों में लगे हुए हैं। इन्हें आईएसआई और आतंकी संगठन हवाला के जरिये रकम भेजते हैं। इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए टीम को लगाया हुआ है।

फर्जी आईडी पर सिम लिए, लाहौर में मोबाइल का आईपी एड्रेस

कलीम ने बताया कि वह और उसका भाई तहसीम उर्फ तासीम और युसुफ समसीन पुत्रा मौहम्मद वामिक निवासी तेलीय वाला चौक, आली सहारनपुर से फर्जी आईडी के सिम लेते हैं। इन सिम से पाकिस्तान में आईएसआई व उनके हैंडलर से व्हाटसअप पर बात व चैट मैसेज करते है। पिता की बुआ पाकिस्तान मे रहती है। मोबाइल नंबरों से कलीम और उसका भाई संपर्क में थे, उनका आईपी एड्रेस पाकिस्तान के लाहौर और अन्य जगहों पर मिला है।

तहसीम की तलाश में लगी एसटीएफ

एसटीएफ ने फिलहाल कलीम को दबोच लिया है, जबकि उसके भाई तहसीम की तलाश की जा रही है। 13 अगस्त को पाकिस्तान की जेल से शामली के नोकुआं रोड निवासी 70 वर्षीय नफीस, उसका बेटा कलीम और नफीस की पत्नी अमीना रिहा होकर पुलिस प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था के बीच वापस लौटे थे।

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