विदेश

भारत के चावल निर्यात पर बैन, अंतररष्ट्रीय बाजार में कीमतों ने तोड़ा 12 साल का रिकॉर्ड

वॉशिंगटन

हाल के दिनों में चावल की कीमतों (Rice Price) में जोरदार तेजी देखने मिल रही है. भाव लगभग 12 साल के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने कहा- 'FAO का कुल चावल प्राइस इंडेक्स जुलाई में एक महीने की तुलना में 2.8 फीसदी बढ़कर औसतन 129.7 अंक हो गया. यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में लगभग 20 प्रतिशत अधिक है और सितंबर 2011 के बाद से ये चावल का उच्चतम स्तर है.'

क्यों बढ़ रही हैं चावल की कीमतें?

चावल की बढ़ती कीमतों की कई वजहें हैं. इनमें से एक है चावल की मजबूत मांग. इसके अलावा भारत ने हाल ही में गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. इस वजह से भी कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. भारत के निर्यात पर बैन लगाने के चलते ग्लोबल मार्केट में चावल की सप्लाई कम हो गई है. साथ ही एक बड़ी वजह कुछ चावल उत्पादक देशों में अनियमित मौसम की स्थिति के कारण भी पैदावार का कम होना भी है. जिसकी वजह से आपूर्ति में अधिक गिरावट आई है.

चावल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी

बता दें कि ग्लोबल चावल निर्यात में भारत की 40 फीसदी हिस्सेदारी है. भारत ने पिछले महीने घरेलू कीमतों को काबू में करने के लिए चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है. हाल के सप्ताह में कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची हैं. भारत के चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से ग्लोबल मार्केट में खाद्य कीमतों में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है.

कई देशों में खड़ा हो सकता है संकट

चावल की बढ़ती कीमत का कई देशों में खाद्य सुरक्षा पर अहम प्रभाव पड़ सकता है. चावल दुनिया भर के लाखों लोगों का मुख्य भोजन है और ऊंची कीमतें लोगों के लिए इस आवश्यक भोजन को वहन करना अधिक कठिन बना सकती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत, थाईलैंड, वियतनाम, कंबोडिया और पाकिस्तान चावल के प्रमुख निर्यातकों में से हैं. जबकि, चीन, फिलीपींस, बेनिन, सेनेगल, नाइजीरिया और मलेशिया प्रमुख आयातक हैं.

भारत के चावल इंपोर्ट का आंकड़ा

भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2022-23 में 4.2 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था. जबकि पिछले वर्ष में यह 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर का रहा था. भारत सबसे ज्यादा गैर-बासमती सफेद चावल थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात करता है. देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है.  

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 15.54 लाख टन सफेद चावल का निर्यात किया गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि में केवल 11.55 लाख टन ही था यानी सालाना आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.  

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button