राजनीतिक

टकराव से कोई फायदा नहीं… केंद्र सरकार पर क्यों उमड़ा उमर अब्दुल्ला का प्यार?

श्रीनगर
 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव जीतते ही उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा है कि पहली ही कैबिनेट बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने वाला प्रस्ताव पारित किया जाएगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सरकार गठन के बाद पहली बैठक में मंत्रिमंडल, राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए केंद्र पर दबाव डालने के वास्ते एक प्रस्ताव पारित करेगा। इसके बाद सरकार इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री के पास भेजेगी। जम्मू-कश्मीर चुनाव में पूर्व राज्य का दर्जा बहाली मुद्दा सबसे बड़ा था। एनसी-कांग्रेस के घोषणापत्र में भी इसका वादा किया गया था।

उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली के विपरीत जम्मू-कश्मीर में सरकार सुचारू रूप से काम कर पाएगी। उन्होंने कहा, 'हमारे और दिल्ली के बीच एक फर्क है। दिल्ली कभी एक राज्य नहीं रहा। किसी ने दिल्ली को राज्य का दर्जा देने का वादा नहीं किया। जम्मू-कश्मीर 2019 से पहले राज्य था। हमसे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों ने राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया, जिन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में तीन कदम उठाए जाएंगे – परिसीमन, चुनाव और फिर राज्य का दर्जा।'

केंद्र के प्रति उमर का रुख नरम

उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'परिसीमन हो गया, अब चुनाव भी हो गए हैं। इसलिए केवल राज्य का दर्जा देना बाकी है जिसे जल्द ही बहाल किया जाना चाहिए।' यह पूछे जाने पर कि जम्मू-कश्मीर सरकार और केंद्र के बीच समन्वय कितना जरूरी है, इस पर उन्होंने कहा कि नई दिल्ली से टकराव लेकर कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता।

एनसी नेता ने कहा, 'पहले सरकार बनने दीजिए। यह सवाल मुख्यमंत्री से पूछा जाना चाहिए। नयी दिल्ली के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध होने चाहिए। मेरी उन्हें (मुख्यमंत्री) सलाह होगी कि हम केंद्र के साथ टकराव करके किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं कर सकते।'

'केंद्र से अच्छे रिश्ते जम्मू-कश्मीर के लिए फायदेमंद'

अब्दुल्ला ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि हम भाजपा की राजनीति स्वीकार करेंगे या भाजपा हमारी राजनीति स्वीकार करेगी। हम भाजपा का विरोध करते रहेंगे लेकिन केंद्र का विरोध करना हमारी मजबूरी नहीं है।' उन्होंने कहा, 'केंद्र के साथ अच्छे रिश्ते रखना जम्मू-कश्मीर और उसके लोगों के लिए फायदेमंद होगा। लोगों ने टकराव के लिए वोट नहीं किया है। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने इसलिए वोट दिया है क्योंकि वे रोजगार चाहते हैं, वे विकास चाहते हैं, वे राज्य का दर्जा बहाल कराना चाहते हैं, वे बिजली तथा अन्य समस्याओं से छुटकारा चाहते हैं और नयी दिल्ली से टकराव करके इनका समाधान नहीं निकलेगा।'

विधायक दल की बैठक आज

अब्दुल्ला ने कहा कि एनसी सरकार गठन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए गुरुवार को विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है। इसके बाद गठबंधन के सहयोगियों की बैठक होगी जिसमें गठबंधन का नेता चुना जाएगा और फिर हम सरकार गठन का दावा जताने के लिए राज भवन जाएंगे। मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ दिन में नई सरकार बन जाएगी।

पीडीपी से गठबंधन पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?

यह पूछने पर कि क्या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) गठबंधन सरकार का हिस्सा होगी, इस पर एनसी नेता ने कहा कि अभी तक इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'पीडीपी ने हमसे या हमने उनसे कोई संपर्क नहीं किया है। इस चुनाव के नतीजों को देखते हुए मुझे लगता है कि कुछ अंदरुनी चर्चा चल रही होगी। मुझे लगता है कि चुनावी नतीजे उनके लिए झटका हैं।

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