छत्तीसगढ़राज्य

वीर जवानों के लिए रक्षा सूत्र समर्पण समारोह

बिलासपुर
स्वतंत्रता दिवस के पूर्व 13 अगस्त रविवार को साई माउली पारिजात एक्सटेंशन कालोनी में सांईनाथ के आशीर्वाद के साथ वीर जवानों के लिए रक्षा सूत्र का समर्पण समारोह सम्पन्न हुआ।   सांई माउली प्रमुख बिलासपुर के वरिष्ठ कलाकार द्वारा सभी अतिथियों का अभिनन्दन करते हुए बताया कि इस रक्षासूत्र के निर्माण की मूल संकल्पना सौ. कौस्तुभी पात्रीकर पालेकर व दिलीप पात्रीकर की है । राखी का चक्र 6 फुट बाय 6 फुट का है। इसके दोनों ओर के तिरंगे रक्षा सूत्र 11, 11 फिट के हैं। राखी लगभग 2 फीट ऊंची है और इसका वजन 50 से 55  किलो है। इसे बनाने में लगभग 1 माह का समय लगा। इसके बनाने में  दिनेश जोगी, विशाल एवं चंद्रभान ने अथक प्रयत्न किया है । इसमें तेजस्वनी की छात्राओं का विशेष सहयोग रहा।  प्रधानमंत्री  द्वारा अंडमान निकोबार द्वीप समूह मे 21 परमवीर चक्र विजेताओं के नाम समर्पित द्वीपों के नाम पर एक भव्य राखी निर्मित की गई है। इसमें वीर चक्र विजेताओं के फोटोग्राफ्स के साथ-साथ दीपों के नाम प्रदर्शित किए गए हैं और चार सैनिक प्रमुखों के साथ राष्ट्रपति,  प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री के फोटो भी दर्शाए गए हैं । रक्षा सूत्र के सूत्र के रूप में तिरंगा प्रदर्शित है जिस पर जवानों के नाम एक कविता लिखी गई है । पूरा रक्षा सूत्र श्री यंत्र के अनुरूप रक्षा यंत्र के रूप में प्रतिष्ठित है , जिसे देश के जवानों के लिए संप्रेषित किया जाना है । इस समारोह में जिला सैनिक कार्यालय के कर्नल आशीष पांडे, सिपाही संस्था के महेंद्र प्रताप सिंह राणा एवं भूतपूर्व सैनिकों व उनके परिवार के सदस्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही। राखी के रूप में भेजा गया रक्षा सूत्र उनकी रक्षा करता है।  इस विशाल रक्षा सूत्र के साथ साथ बिलासपुर की अन्य बहुत सी बहनों द्वारा भेजी जा रही राखियों के रक्षा सूत्र का बॉक्स एवं सैनिकों के नाम संदेश का एक बॉक्स भी जवानों को समर्पित किया गया।  रक्षा यंत्र का पूजन आचार्य  अनिरुद्ध वर्तक द्वारा संपन्न हुआ। देश भक्ति गीतों व वन्दे मातरम् के नारों ने पूरे वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दियासाई मावली परिवार के साथ आनंद निकेतन विद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं तेजस्विनी सेवा प्रतिष्ठान की छात्राओं की उपस्थिति रही । आनन्द निकेतन के छात्र छात्राओं ने भी अपने फौजी भाई बहनों के लिए राखियाँ तैयार की हैं। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती संध्या शुक्ला ने किया। यह जानकारी वीना अग्रवाल द्वारा दी गई।

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