कर्जमुक्त हुई यह दिग्गज कंपनी, 13 गुना बढ़ गया मुनाफा, ऑल टाइम हाई पर पहुंचा शेयर
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नई दिल्ली
वित्तीय वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के नतीजों के बाद रेमंड का शेयर 2,000 रुपये के स्तर पर पहुंच गया। कंपनी ने पहली तिमाही के नतीजों का ऐलान करते हुए कहा कि जून तिमाही में उसका मुनाफा कई गुना बढ़ गया और एफएमसीजी व्यवसाय की बिक्री के बाद वह शुद्ध कर्ज से मुक्त हो गई। बीएसई पर रेमंड के शेयर 2.51 फीसद बढ़कर 2,021.95 करोड़ रुपये के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए जबकि, एनएसई पर 2022 रुपये पर। यह इसका ऑल टाइम हाई है।
पहली तिमाही में मुनाफा 13.14 गुना बढ़ा
रेमंड ने कहा कि पहली तिमाही में उसका मुनाफा 13.14 गुना बढ़कर 1,065 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 81 करोड़ रुपये था। जून तिमाही के लिए राजस्व सालाना आधार पर 1,754 करोड़ रुपये से 4 फीसद बढ़कर 1,826 करोड़ रुपये हो गया। राजस्व और एबिटा दोनों के लिहाज से यह उसका पहली तिमाही का सबसे मजबूत प्रदर्शन था। रेमंड का राजस्व अब तक का सबसे अधिक था और मौसमी रूप से कमजोर तिमाही में एबिटा मार्जिन 13.8 फीसद पर मजबूत था। कंपनी ने कहा कि ब्रांडेड टेक्सटाइल सेकमेंट में कैजुअलाइजेशन और प्रीमियमाइजेशन पर उसके निरंतर फोकस ने 16 फीसद की राजस्व वृद्धि को सक्षम किया है।
उपभोक्ता मांग के लिए निराशाजनक थी पहली तिमाही
कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक गौतम हरि सिंघानिया ने कहा कि पहली तिमाही रेमंड के लिए एक महत्वपूर्ण तिमाही थी, क्योंकि एफएमसीजी व्यवसाय की बिक्री के बाद यह शुद्ध ऋण मुक्त हो गया। सिंघानिया ने कहा, " इस तिमाही में पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में शादी के दिनों की संख्या कम देखी गई, जो उपभोक्ता मांग के लिए निराशाजनक थी। हालांकि, आगे बढ़ते हुए हम आशावादी हैं, क्योंकि साल की दूसरी छमाही के दौरान त्योहारी और शादी का मौसम शुरू हो जाएगा, जिससे देश भर में उपभोक्ता मांग को बढ़ावा मिलेगा।" सिंघानिया ने बीएसई की एक विज्ञप्ति में कहा कि विलय के बाद, रेमंड के पास लाइफस्टाइल और रियल एस्टेट व्यवसायों के लिए शुद्ध ऋण मुक्त लिस्टेड दो स्वतंत्र उपभोक्ता कंपनियां होंगी और भविष्य में विकास को बढ़ावा देने के लिए समूह स्तर पर 1,500 करोड़ रुपये से अधिक की महत्वपूर्ण लिक्विडिटी सरप्लस है।ब्रांडेड टेक्सटाइल सेगमेंट की बिक्री Q1FY24 में 6 फीसद की वृद्धि के साथ 688 करोड़ रुपये रही, जबकि Q1FY23 में यह 648 करोड़ रुपये थी। एबिटा मार्जिन 17 फीसदी पर अच्छा रहा।