धर्म एवं ज्योतिष

दिसंबर का 2 प्रदोष व्रत कब? अभी से जान लें डेट, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

नई दिल्ली  
प्रदोष का व्रत भोलेनाथ को समर्पित है। हर महीने 2 बार प्रदोष की तिथि पड़ती है। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। वहीं, इस साल का अंतिम प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की त्रियोदशी तिथि के दिन रखा जाएगा, जो रविवार के दिन पड़ रही है। रविवार को पड़ने के कारण ये प्रदोष व्रत रवि प्रदोष व्रत कहलाएगा। प्रदोष का व्रत रखने और भगवान शिव की इस दिन आराधना करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। इसलिए आइए जानते हैं साल के अंतिम प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि।
 
कब है प्रदोष?
हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 24 दिसंबर 2023, रविवार के दिन हो रही है, जो अगले दिन 25 दिसंबर 2023 की सुबह तक रहेगी। ऐसी में उदया तिथि के अनुसार, साल का अंतिम प्रदोष का व्रत 24 दिसंबर को रखा जाएगा।

शुभ मुहूर्त-
शुक्ल त्रयोदशी तिथि की शुरुआत- सुबह 06 बजकर 24 मिनट, 24 दिसंबर
शुक्ल त्रयोदशी तिथि की समाप्ति- सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर, 25 दिसंबर
संध्या पूजा मुहूर्त- शाम 05 बजकर 30 मिनट – रात 08 बजकर 14 मिनट तक

शिवलिंग पर चढ़ाएं ये चीजें
घी
दही
फूल
फल
अक्षत
बेलपत्र
धतूरा
भांग
शहद
गंगाजल
सफेद चंदन
काला तिल
कच्चा दूध
हरी मूंग दाल
शमी का पत्ता

प्रदोष पूजा-विधि
स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण कर लें। शिव परिवार सहित सभी देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करें। अगर व्रत रखना है तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। फिर संध्या के समय घर के मंदिर में गोधूलि बेला में दीपक जलाएं। फिर शिव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक करें और शिव परिवार की विधिवत पूजा-अर्चना करें। अब प्रदोष व्रत की कथा सुनें। फिर घी के दीपक से पूरी श्रद्धा के साथ भगवान शिव की आरती करें। अंत में ओम नमः शिवाय का मंत्र-जाप करें। अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।

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