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उत्तराखंड सरकार ने किया बजट पेश, विकास के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया

उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए गुरुवार को बजट पेश किया। प्रदेश के वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 1,01175.33 करोड़ का बजट पेश किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड का यह बजट समावेशी विकास, सतत आर्थिकी और समरसता का प्रतीक है। वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने आज गुरुवार को देहरादून में राज्य विधानसभा में बजट पेश किया, जिसमें राज्य के विकास के लिए प्रमुख प्राथमिकताओं को रेखांकित किया गया। अपने संबोधन में अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों पर जोर देने के साथ जन कल्याण को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

बजट में कुल प्राप्तियां 1,01,034.75 करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें राजस्व प्राप्तियां 62,540.54 करोड़ रुपए और पूंजीगत प्राप्तियां 38,494.21 करोड़ रुपए शामिल हैं। बजट विवरण के अनुसार, कर राजस्व में 39,917.74 करोड़ रुपए का योगदान होने का अनुमान है, जबकि गैर-कर राजस्व में 22,622.80 करोड़ रुपए आने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, ऋण और अन्य देनदारियों से पूंजीगत प्राप्तियां 38,470.00 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।

राजस्व अनुभाग में, 59,954.65 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है और पूंजीगत अनुभाग में 41,220.67 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री के अनुसार कोई राजस्व घाटा नहीं है और बजट में 2,585.89 करोड़ रुपए का अधिशेष है।

इस बजट का उद्देश्य राजकोषीय जिम्मेदारी सुनिश्चित करते हुए राज्य की महत्वपूर्ण विकास आवश्यकताओं को संबोधित करना है। यह एक स्थायी, समृद्ध उत्तराखंड बनाने, प्रमुख क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है जिससे इसके नागरिकों को लाभ होगा।

सीएम धामी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर कहा कि उत्तराखण्ड का यह बजट समावेशी विकास, सतत आर्थिकी और समरसता का प्रतीक है। यह बजट नमो (NAMO) के सिद्धांतों नवाचार, आत्मनिर्भरता, महान विरासत और ओजस्विता पर आधारित है जो राज्य के विकास के नए अध्याय की शुरुआत करते हैं। यह बजट समाज के सभी वर्गों के समग्र विकास को सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने कहा कि कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, पर्यटन और आयुष को आधार बनाकर राज्य के समग्र विकास के लिए ठोस योजनाएं तैयार की गई हैं। ये सात प्रमुख क्षेत्र उत्तराखण्ड के विकास के सप्तऋषि के रूप में कार्य करेंगे और हमारे राज्य को आत्मनिर्भर, समृद्ध और सशक्त बनाएंगे।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, बुनियादी ढांचे, मानव संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और समावेशी विकास का विकास हमारी सरकार की विभिन्न योजनाओं का केंद्र बिंदु है। वित्त मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सेवा क्षेत्र नीति 2024 के तहत सरकार चिन्हित क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करेगी।

उन्होंने आगे कहा, “बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हम बड़े पैमाने की परियोजनाओं के लिए गंभीर प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में, उत्तराखंड इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट डेवलपमेंट बोर्ड द्वारा विकसित किए जा रहे शारदा और गंगा कॉरिडोर महत्वपूर्ण हैं।” वित्त मंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।

गौरतलब हो कि उत्तराखंड राज्य का बजट पहली बार 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। बुनियादी ढांचे के विकास के लिए रिकॉर्ड 14,763.13 करोड़ रुपये और मत्स्य पालन विभाग में ट्राउट प्रमोशन के माध्यम से ग्रामीण रोजगार के लिए 146 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वहीं, यूआईआईडीबी योजना के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश विकास के लिए 168.33 करोड़ रुपए समर्पित हैं।

अन्य प्रावधानों में स्टार्टअप वेंचर फंड के लिए 20 करोड़ रुपए, रिवर फ्रंट डेवलपमेंट स्कीम (शारदा कॉरिडोर) के लिए 10 करोड़ रुपए और स्मार्ट सिटी योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों के लिए 6.5 करोड़ रुपए शामिल है। इसके अतिरिक्त, होम गार्ड कल्याण निधि के लिए 1 करोड़ रुपए, सिल्क फेडरेशन रिवॉल्विंग फंड के लिए 5 करोड़ रुपए, समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए 30 करोड़ रुपए, स्प्रिंग और नदी कायाकल्प के लिए 125 करोड़ रुपए और पेयजल और सिंचाई विभाग में बिजली भुगतान के लिए 490 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

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