शाहपुरा इलाके में दो एटीएम मशीनों से हुई छेड़छाड़, 150000 की गई ठगी
भोपाल
राजधानी में एटीएम मशीन हैकिंग का एक अनोखा मामला सामने आया है। हैकरों ने एटीएम मशीन में ऐसी डिवाइस लगाई, जिससे कार्ड मशीन में ही होल्ड हो गया। इसके बाद ठगी को अंजाम देने के लिए उन्होंने एटीएम में एक फर्जी हेल्पलाइन नंबर का स्टिकर चिपका दिया। कार्ड मशीन से बाहर नहीं आने पर जब उपभोक्ताओं ने उस नंबर पर फोन किया तो उनसे कुछ बेसिक जानकारी ली गई और फिर एटीएम पिन मशीन में डालने के निर्देश दिए गए।
यहां गौर करने वाली बात यह है कि उपभोक्ताओं से सिर्फ पिन मशीन में डालने को कहा गया था, उनसे पिन पूछा नहीं गया था। सही पिन डालने के बाद एटीएम मशीन से कार्ड तो बाहर आ गया, लेकिन बाद में उपभोक्ताओं के खाते से रुपये कट गए।
गुरुवार देर रात शाहपुरा के मनीषा मार्केट में आईसीआईसीआई बैंक की एटीएम मशीन का मेंटनेंस करने के लिए कर्मचारी पहुंचे तो उन्हें मशीन के भीतर एक डिवाइस मिली, साथ ही चार एटीएम कार्ड भी उसमें ही पड़े थे। उन्होंने इसकी सूचना चूनाभट्टी थाना पुलिस को दी। वहीं इस एटीएम का उपयोग करने वाले ठगी के दो शिकार उपभोक्ताओं ने शुक्रवार को पुलिस थाने जाकर शिकायत दर्ज कराई।
दो एटीएम बूथ में हुई छेड़छाड़
चूनाभट्टी थाना प्रभारी भूपेंद्र कौर ने बताया कि गुरुवार रात करीब साढ़े नौ बजे मनीषा मार्केट की दो एटीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं। पुलिस मौके पर पहुंची तो एसबीआई मशीन में कार्ड इन्सर्ट करने वाले स्थान पर कागज फंसा हुआ था, जबकि उसके साइड में आईसीआईसीआई बैंक की एटीएम मशीन में चार कार्ड मिले थे। साथ ही चार सेल लगी एक डिवाइस भी मिली।
दो बुजुर्ग हुए ठगी का शिकार
यहां एटीएम बूथ में उपभोक्ताओं की सहायता के लिए एक फर्जी हेल्पलाइन नंबर का स्टिकर भी चिपकाया गया था। पुलिस सीसीटीवी के आधार पर जांच में जुट गई। शुक्रवार शाम को दो उपभोक्ता भी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। 81 वर्षीय दिनेश दवे के साथ 45 हजार और 76 वर्षीय सीएस दवे से एक लाख रुपये की ठगी की गई थी।
दोनों ने बताया कि पहले मशीन में उनका एटीएम अटक गया था, वहीं जब मदद के लिए दिए गए हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया तो नाम बताया साथ ही मशीन में पिन डाला, जिससे एटीएम बाहर आ गया। उस दिन हमारे पास ट्रांजेक्शन का कोई मैसेज नहीं आया था। शुक्रवार शाम करीब चार बजे रुपये कटने का मैसेज आया तो हमने शिकायत की। बैंक का कहना है कि हर दिन यहां से पांच लाख से ज्यादा की निकासी होती है। ऐसे में ठगी की राशि और भी बढ़ सकती है।