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चौतरफा हमले के बीच इजरायल पर मंडरा रहे ये बड़े खतरे

तेल अवीव

इजरायल ने गाजा पट्टी के पिछले कई दिनों से चारों तरफ से घेर रखा है. हवाई हमलों के बाद अब जमीन पर आर-पार की लड़ाई की तैयारी कर रहा है. युद्ध के सातवें दिन तक इजरायल ने गाजा के 750 सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया है. जमीनी कार्रवाई के लिए उसके टैंक सीमा पर डटे हुए हैं. इन सबके बावजूद इजरायल के लिए ये जंग आसान नहीं दिख रही है. उसकी लड़ाई सिर्फ हमास से नहीं हैं. उसके कई दुश्मन हैं. उसकी खुद की सीमाओं पर चारों तरफ से खतरा मंडरा रहा है. ऐसे ही एक खतरे का मैदान लेबनान है. जी हां, वहां भले ही लड़ाई सीधी ना हो रही हो, लेकिन माहौल पूरी तरह से जंग का बना हुआ है.

लेबनान का आतंकी संगठन हिज्‍बुल्‍लाह भी इस युद्ध में कूदने के लिए बेकरार है. हमास की तरह ही इस संगठन को भी ईरान का समर्थन हासिल है. वो अभी हमास की मदद कर रहा है. लेकिन जंग के मैदान पर उतरा नहीं है. फिलहाल यह संगठन अभी सिर्फ बॉर्डर पर है, लेकिन किसी भी समय यह जंग में उतर सकता है. इजरायल के राजनीतिक और सैन्‍य नेता जहां एक तरफ अगले कदम पर विचार कर रहे हैं तो वहीं उनकी नजरें हिज्‍बुल्‍लाह पर भी टिकी हुई हैं. जुमे की नमाज के वक्त लेबनान में फिलिस्तीन के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन किया गया. इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं. इस तरह इजरायल के खिलाफ बदले की आग में जल रहा लेबनान उसके लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुका है.

इजरायल के लिए इस बार चुनौती बड़ी है!

इजरायल भले ही अरब के देशों को मात दे चुका हो लेकिन इस बार चुनौती बड़ी है. इसीलिए वो सिर्फ गाजा पट्टी पर ही नजर नहीं रखे हुए हैं, बल्कि अपने हर दुश्मन की चाल को समझने की कोशिश कर रहा है और उससे निपटने का प्लान बना रहा है. यही वजह है कि इजरायल ने हवाई हमला कर सीरिया के दो मुख्य हवाई अड्डों को बर्बाद कर दिया. यह इजरायल पर हमास के हमले के बाद इजरायली सेना का सीरिया पर पहला हवाई हमला था. इजरायल के हमलों के बाद राजधानी दमिश्क और उत्तरी शहर अलेप्पो में हवाई अड्डों पर उड़ानें रोकनी पड़ी हैं. सीरिया इस वक्त बौखलाया हुआ है. वो मुस्लिम देशों से इजरायल पर हमला करने की बात कर रहा है. उन देशों को लगातार उकसा रहा है.

 

आखिर ये जंग कितनी बड़ी होने वाली है?

चौतरफा दुश्मनों से घिरा इजरायल पूरी तरह सतर्क है. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी और सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत के चंद घंटों बाद उसने हमला कर दिया. ईरान के विदेश मंत्री के आने की खबर के बाद इजरायल ने सीरियाई हवाई अड्डों पर बमबारी शुरू कर दी. इजरायली बमबारी की वजह से ईरानी विदेशी मंत्री के विमान को बदाद की ओर मोड़ दिया गया. अब सवाल ये है कि आखिर ये जंग कितनी बड़ी होने वाली है. क्या सिर्फ लड़ाई गाजा पट्टी तक सिमटेगी या अरब के देश अब इजरायल के खिलाफ एक बार फिर जंग के मैदान पर उतरेंगे. यदि ऐसा हुआ तो ये तीसरे विश्व युद्ध की मुनादी समझिए.

इस जंग ने दुनिया दो गुटों में बांट दिया है

हमास-इजरायल जंग के बाद पूरी दुनिया दो गुटों में बंट गई है. दुनिया भर के देशों में इजरायल और फिलिस्तीन को लेकर प्रदर्शन हो रहा है. यहां लोग सड़कों पर उतरे हैं. कोई शांति की अपील कर रहा है तो कोई फिलिस्तीन या इजरायल का समर्थन कर रहा है. इस बीच रूस के राष्ट्रपति ब्लादिन पुतिन ने भी इजरायल को चेतावनी दी है. भले ही कई देश फिलिस्तीन का समर्थन रहे हों लेकिन जंग की ऐलान की बात अबतक नहीं हुई है. वहीं अमेरिका ने साफ कर दिया है कि इस लड़ाई में अगर कोई और देश कूदा तो वो उससे निपटने के लिए तैयार है. हालांकि, अमेरिका इस युद्ध में इजरायल का उसी तरह से समर्थन कर रहा है, जैसे उसने रूस के साथ हो रहे जंग में यूक्रेन का किया है. 

 

क्या इजरायल पर पलटवार करेगा हमास?

क्या इजरायल का टारगेट सिर्फ गाजा पट्टी है, क्या इजरायल के अंदर का खतरा खत्म हो चुका है, क्या हमास इजरायल पर फिर पलटवार करने वाला है? ये सवाल है जिनके खिलाफ इजरायल अपनी आगे की रणनीति तैयार कर रहा है. क्योंकि समस्या सिर्फ गाजा पट्टी पर हमले की नहीं है. बल्कि सवाल हमास के पलटवार का भी है. क्योकि जिस अंदाज में हमास ने 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किया उसने इजरायल के सुरक्षा चक्र पर सवालिया निशान खड़े कर दिए. हमास अभी भी शांत नहीं हैं. इसका अंदाजा आप हमास की ओर से लगातार जारी किए जा रहे प्रोपेगेंडा वीडियो से लगा सकते हैं. इन वीडियो के जरिए हमास इजरायल पर रॉकेट दागने का दम भर रहा है. ड्रोन से हमले की चेतावनी दे रही है. पैराग्लाइडिंग के जरिए हमले की योजना भी बना रहा है. हमले अभी खत्म नहीं हुए हैं. जुमे के दिन हमास की ओर से हमले की चेतावनी दी गई.

हमास के आतंकवादी घात लगाकर बैठे हैं!

हमास के आतंकी अभी भी घात लगाकर बैठे हैं. उसके आतंकी अब ज्यादा खतरनाक है. पहले से ज्यादा संगठित और तैयार है. उनको खास तरह की ट्रेनिंग दी गई है. हमास इजरायल पर इतना बडा अटैक कर पाया है तो इसकी वजह है उसको वो मिनी आर्मी जिसको खास तौर पर तैयार किया गया है. हमास ने हाल के सालों में इजरायल को परेशान करने के लिए खास तैयारी की है. इजरायल और उसकी इंटेलीजेंस एजेंसी मोसाद को खबर तक नहीं लगी और हमास ने अपनी तैयारी को कुछ इस तरह पुख्ता कर लिया. वो खुद अपने हथियार भी बनाने लगा है, क्योंकि आयात में दिक्कत होती थी. उसके रॉकेट की रेंज 40 किलोमीटर से 230 किलोमीटर तक पहुंच चुकी है. उसके पास बम, मोर्टार, रॉकेट, एंटी टैंक मिसाइल, एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल तक मौजूद है. उसके आतंकियों को साइबर सिक्योरिटी की ट्रैनिंग भी दी जाती है. उसका टनल नेटवर्क है. ताकि हमले के वक्त वो जान बचा पाएं.

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