नूंह में ही एक ऐसा भी गांव जहां हिंदू यात्रियों की सेवा कर रहे मुसलमान, मेहमान की तरह सम्मान
नूंह
नूंह भले ही सांप्रदायिक की हिंसा जल रहा हो, लेकिन नूंह जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित बिछौर गांव आपसी सौहार्द्र और भाईचारे की मिसाल पेश कर रहा है। इस गांव के लोग हिंसा में फैली नफरत की आग को बुझाने में लगे हैं। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग हिंदुओं की सेवा करने में जुटे हैं। ऐसे में नूंह हिंसा के बीच बृज क्षेत्र की 84 कोस परिक्रमा में पड़ने वाला यह गांव चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बिछौर गांव से 84 कोसी बृज परिक्रमा के श्रद्धालुगण रातभर से गुजरते हैं। इस दौरान इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा में गांव के मुस्लिम युवक जुटे हैं। जो भी श्रद्धालुगण रात में आराम करने के लिए रुकते हैं तो यहां रहने वाले मुस्लिम समुदाय के लोग उन्हें अपने घरों में ही शरण देकर सेवा करते हैं। ऐतिहासिक 84 कोस बृज यात्रा में कोई असामाजिक तत्व उत्पाद न कर दे, इसलिए गांव के युवा रात भर जागकर यात्रियों की सुरक्षा करते हैं। साथ ही नूंह में बृजमंडल यात्रा के दौरान हुई हिंसा और बवाल के बाद अब काफी संख्या में यहां भी अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
अफवाह फैलाने वालों से दूर रहने की अपील
गांव बिछौर और नीमका निवासी मकसूद,असलम, असगर,याकूब, इम्तियाज सरपंच सहित अन्य लोगों ने बताया कि उनके नूंह में जो हिंसा हुई है वह बहुत दुखद घटना है। इसके साथ-साथ अन्य जिलों में भी इस हिंसा का असर देखने को मिला है। मेवात में दो गांव ब्रज क्षेत्र में पड़ते हैं। ग्रामीण यहां से गुजरने वाले श्रद्धालुओं से अपील कर रहे हैं कि वह अफवाहों पर ध्यान न दें, अगर उन्हें कुछ भी संदिग्ध लग रहा तो इसकी तुरंत जिला और पुलिस प्रशासन को सूचना दें।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा उठाया
गांव बिछौर और नीमका का पूरा इलाका मुस्लिम बाहुल्य है। ऐसे में नूंह हिंसा से इन श्रद्धालुओ में भी डर का माहौल बना था कि कहीं, वे भी इस हिंसा का शिकार न हो जाएं, इसलिए गांव के मुस्लिम समाज के लोगों ने इन श्रद्धालुओं की सुरक्षा का जिम्मा उठाया है। ग्रामीणों को यह डर है कि कहीं कोई असामाजिक तत्व किसी श्रद्धालुओं के साथ कोई अनहोनी घटना को अंजाम देकर उनके इलाके को बदनाम न कर दे। इसी को लेकर दोनों गांवों के लोग पूरी रात सुरक्षा में लगे हैं।
डीसी और एसपी भी लोगों को जागरूक कर रहे
नूंह के जिला उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारनिया भी रविवार को गांव बिछौर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दोनों समुदायों के मौजिज लोगों के साथ की बैठक की। उन्होंने कहा कि वाकई 84 कोस की परिक्रमा भाईचारे की मिसाल बनी हैं और यहां श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। इस मॉडल को लेकर दोनों अधिकारी पूरे इलाके में गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने में जुटे हैं। साथ ही वह लोगों से प्रशासन का साथ देने की अपील गई हैं।