बंगाल की खाड़ी से बने सिस्टम ने मध्यप्रदेश को किया तरबतर, भोपाल में 11 साल का रिकॉर्ड टूटा, नागदा में रेल ट्रैक डूबा
भोपाल
बंगाल की खाड़ी से उठे सिस्टम ने मध्यप्रदेश को तरबतर कर दिया। छोटे-बड़े नदी – नाले उफना गए हैं। बरगी, तवा, ओंकारेश्वर, इंदिरा सागर, सतपुड़ा, माचागोरा, पारसडोह, गंभीर बांध के गेट खोलना पड़ गए। इंदौर, उज्जैन, बैतूल, नर्मदापुरम, खंडवा और हरदा में आज स्कूलों में अवकाश घोषित करना पड़ा। बैतूल के भीमपुर में पिछले 24 घंटे में सबसे ज्यादा 17.51 इंच पानी गिर गया।
इंदौर में 61, भोपाल में 11 साल का रिकॉर्ड टूटा है। सितंबर में पिछले 24 घंटे में इंदौर में 6.73 इंच पानी गिरा है। इससे पहले 20 सितंबर 1962 को 6.68 इंच पानी गिरा था। इंदौर की सितंबर की सामान्य बारिश 6.58 इंच है। इतनी बारिश पिछले 24 घंटे के दौरान ही हो गई है।
राजधानी भोपाल में 11 साल (2011 से 2023 के बीच) में दूसरी बार 24 घंटे में सितंबर की सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। 24 घंटे में भोपाल में 2.82 इंच पानी गिरा है। इससे पहले 9 सितंबर 2019 में 5.52 इंच पानी गिरा था। अब तक के रिकॉर्ड की बात करें तो 2 सितंबर 1947 को 24 घंटे में भोपाल में 9.18 इंच पानी गिरा था।
नागदा में रेलवे ट्रैक पर पानी भरा, रतलाम में पत्थर गिरे
नागदा (उज्जैन) रेलवे स्टेशन के नजदीक दिल्ली को जाने वाले अप एंड डाउन रेल ट्रैक पर पानी भर गया। यात्री कुलदीप परिहार ने बताया कि जगह-जगह ट्रैक की गिट्टी बह गई। मेमू समेत कई ट्रेन प्रभावित हुई हैं। रतलाम और दाहोद के बीच दिल्ली – मुंबई रेल ट्रैक पर बारिश की वजह से पहाड़ी से बड़े पत्थर गिर गए। इस कारण 12494 दर्शन एक्सप्रेस का इंजन पटरी से उतर गया। रतलाम में धोलावाद बांध का एक गेट खोला गया है।
खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के सभी 23 गेट खोले
खंडवा में ओंकारेश्वर बांध के सभी 23 गेट 6 मीटर तक खोले गए हैं। 8 टरबाइन से और गेट से 30 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। इंदिरा सागर बांध के भी 20 में से 12 गेट खोलकर 28 हजार क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। नर्मदा का पानी ज्योतिर्लिंग की सीढ़ियों तक पहुंच गया। नर्मदा का लेवल बढ़ने से इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर मोरटक्का ब्रिज बंद कर यातायात रोक दिया गया है।
नर्मदापुरम में नर्मदा खतरे से 2.5 फीट नीचे, बाढ़ में घिरे 8 चरवाहे
नर्मदापुरम में सेठानी घाट पर नर्मदा का जलस्तर आज सुबह 963.10 फीट पर पहुंच गया। यह अलार्म लेवल से 0.90 फीट नीचे और खतरे के निशान से 2.9 फीट नीचे है। तवा बांध के 13 गेट को 10 फीट बढ़ाकर 20-20 फीट तक खोल दिए गए हैं। जिले में गंजाल नदी का पानी पुल से ऊपर बहने पर पिछले 12 घंटे से नर्मदापुरम-हरदा-खंडवा स्टेट हाईवे बंद है। जिले के शिवपुर के पास बीसोनी गांव में मोरन नदी में आई बाढ़ के टापू में भेड़ चराने वाले 8 लोग फंस गए। राजस्थान के इन लोगों के साथ भेड़ और ऊंट भी फंसे गए। 7 लोगों को बचा लिया गया है। महिला का रेस्क्यू जारी है।