छत्तीसगढ़राज्य

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से बढ़ रहा छत्तीसगढ़ में शिक्षा का दायरा

मनेन्द्रगढ़/एमसीबी

भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है. वे स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे, जब शिक्षा मंत्रालय का नाम मानव संसाधन विकास मंत्रालय था। मौलाना आजाद ने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण सुधार किए और इसे सभी तक पहुँचाने के लिए अनेकों नीतियाँ बनाई। 2008 में भारत सरकार ने 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया ताकि शिक्षा में उनके योगदान को याद किया जा सके और समाज में शिक्षा के महत्व को जागरूक किया जा सके।

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का महत्व

राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के महत्व को समझाना और इसे सभी वर्गों तक पहुँच सुनिश्चित करना है। इस दिन शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना की जाती है और समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जाती है। शिक्षा केवल रोजगार का साधन नहीं है; यह एक ऐसा माध्यम है जो समाज के विकास और लोगों के नैतिक एवं सांस्कृतिक मूल्यों को सुदृढ़ करता है।

भारत सरकार की शिक्षा सुधार में महत्वपूर्ण योजनाएं

भारत सरकार ने शिक्षा के स्तर को सुधारने और इसे सभी तक पहुँचाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य शिक्षा को सुलभ, गुणवत्तापूर्ण और रोजगारोन्मुख बनाना है। इनमें सर्व शिक्षा अभियान जैसी योजनाएं सम्मिलित है, जो प्राथमिक शिक्षा को सुलभ और अनिवार्य बनाती हैं, विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। इसके तहत स्कूलों का निर्माण, अध्यापकों की नियुक्ति और छात्रों के लिए मुफ्त पाठ्यपुस्तकें और वर्दी की व्यवस्था की जाती है। वहीं माध्यमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान ने शिक्षा को उच्च स्तर पर सुलभ बनाने का काम किया है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री ई-विद्या योजना ने शिक्षा में डिजिटल तकनीक का समावेश करते हुए छात्रों को घर बैठे पढ़ाई का अवसर प्रदान किया है। इस योजना के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं, ई-पाठ्यक्रमों और डिजिटल पुस्तकालयों का लाभ छात्रों को मिलता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य शिक्षा में संरचनात्मक और गुणात्मक सुधार करना है। इस नीति में रोजगार-केंद्रित शिक्षा, उच्च शिक्षा में नवाचार और व्यावसायिक कौशल विकास पर जोर दिया गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दिया गया है। इस अधिनियम का उद्देश्य समाज के वंचित वर्गों के बच्चों को शिक्षा के अवसर प्रदान करना और शिक्षा को सभी का अधिकार बनाना है।

छत्तीसगढ़ सरकार की शिक्षा सुधार में महत्वपूर्ण योजनाएं

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए कई योजनाओं का क्रियान्वयन किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और इसे सुलभ बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए हैं। स्कूल शिक्षा गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के तहत शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों और तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे शिक्षकों की कार्यक्षमता में वृद्धि हो रही है और छात्र गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की है। ई-लर्निंग के माध्यम से छात्रों को पढ़ाई में मदद मिल रही है, जिससे वे तकनीकी ज्ञान के साथ शिक्षा को भी आसानी से समझ पा रहे हैं। मुफ्त शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं के माध्यम से सरकार गरीब और पिछड़े वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा तक पहुँचाने के लिए मदद कर रही है। इसके साथ ही सरकार ने शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष पुरस्कार योजनाएं भी चला रही है, जिसमें शिक्षकों की कार्यक्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा का विस्तार भी छत्तीसगढ़ सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है। राज्य के दूर-दराज इलाकों में शिक्षा सुविधाओं को बेहतर बनाते हुए नए स्कूलों की स्थापना की गई है और शिक्षकों की नियुक्ति की गई है।

छत्तीसगढ़ में सम्मानित शिक्षक और उनकी उपलब्धियाँ

छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में कई शिक्षकों ने शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें उनके कार्य के प्रति समर्पण के लिए सम्मानित किया गया है। इन शिक्षकों ने अपने शिक्षण के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास और अनुशासन का संचार किया है। ऐसे शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं और राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस शिक्षा के महत्व को समझने और समाज में इसकी गुणवत्ता को सुधारने का एक अवसर है। भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न योजनाओं ने शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने में सहायक भूमिका निभाई है। शिक्षा के क्षेत्र में किए गए ये प्रयास आने वाले समय में छत्तीसगढ़ और देश को प्रगति के पथ पर आगे बढ़ाने में सहायक होंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button