देश

महाराष्ट्र में सियासी तूफ़ान थमा नहीं; समझौते के बाद भी BJP ने शिंदे गुट के तीन नेताओं को किया बाहर

मुंबई
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सत्तारूढ़ गठबंधन महायुति के दो घटक दलों यानी भाजपा और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के बीच कलह थमना मुश्किल नजर आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के बीच एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं और नेताओं की खरीद-फरोख्त को लेकर दोनों दलों के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव टकराव की चल रहा था, जिसे अमित शाह के दखल के बाद माना जा रहा था कि तनाव का दौर खत्म हो जाएगा लेकिन भाजपा ने फिर से शिवसेना के तीन नेताओं को तोड़कर मिला लिया है। इससे दोनों साथी दलों के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है।

दरअसल, दोनों दलों के बीच पिछले ही दिनों यह समझौता हुआ था कि कोई भी दल एक-दूसरे के नेताओं के अपनी पार्टी में सामिल नहीं कराएगा। बावजूद इसके BJP ने सोमवार को शिवसेना के तीन नेताओं को अपने साथ मिला लिया। इनमें से एक शिवसेना नेता अंबरनाथ से और दो संभाजीनगर से हैं। अंबरनाथ में जो नेता शिवसेना छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं, वह एक बिजनेसमैन हैं और पुराने शिव सैनिक रहे हैं। रूपसिंह धाल की पहचान ज्वैलर्स एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट के तौर पर भी रही है।

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष की मौजूदगी में हुए शामिल
अब वह BJP में शामिल हो चुके हैं। उन्हें महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में पार्टी में शामिल कराया गया। दूसरी तरफ संभाजीनगर जिले में, फुलंबरी नगर पंचायत के लिए शिवसेना चीफ और शिवेसना के उम्मीदवार रहे आनंदा ढोके भी भाजपा में शामिल हो गए। संभाजीनगर में ही शिवसेना की महिला विंग की हेड शिल्पारानी वाडकर भी BJP में शामिल हो गईं हैं। इससे शिवसेना की भौहें तन गई हैं।

शिवसेना बोली- नतीजे भुगतने होंगे
BJP के इस नए कदम पर शिवसेना के कैबिनेट मिनिस्टर और संभाजीनगर जिले के गार्जियन मिनिस्टर संजय शिरसाट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। शिरसाट ने कहा, "अगर BJP ने हमारे नेताओं को अपनी तरफ खींचना बंद नहीं किया तो उसे नतीजे भुगतने होंगे। हम बदला लेने के लिए सही कदम उठाएंगे।" BJP मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान महायुति के अंदर सभी मतभेद 3 दिसंबर को चुनाव नतीजों के बाद सुलझा लिए जाएंगे।

महायुति संग चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं
शिवसेना के टकराव बढ़ाने के लिए तैयार होने का संकेत देते हुए शिरसाट ने कहा कि यदि शिवसेना कार्यकर्ताओं को (भाजपा में) अपनी बढ़त साबित करने के लिए शामिल किया जा रहा है तो उपमुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी भी उचित कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, “इससे शिवसेना कार्यकर्ताओं में असंतोष और भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। यह (शिवसेना उम्मीदवारों को भाजपा में शामिल करना) बंद होना चाहिए, अन्यथा महायुति के रूप में चुनाव लड़ने का कोई फायदा नहीं है।”

शिरसाट ने चेतावनी दी कि यह प्रवृत्ति आगामी नगर निगमों और जिला परिषदों के चुनावों को भी प्रभावित कर सकती है। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि वरिष्ठ नेताओं को इस पर विचार करना चाहिए।" उन्होंने भाजपा नेता और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा था कि राजनीतिक कार्यकर्ता विकल्प तलाशते रहते हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button