उत्तर प्रदेशराज्य

संगठन मेरे लिए सर्वोपरि, संगठन का हर आदेश होगा सर्वमान्य: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष

यह भाजपा में ही संभव है कि मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिले: पंकज चौधरी

लखनऊ
‘संगठन मेरे लिए सर्वोपरि है और संगठन का हर आदेश मेरे लिए सर्वमान्य होगा।’ इस सूत्रवाक्य के साथ राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय, आशियाना में रविवार को भारतीय जनता पार्टी के संगठन पर्व समारोह में नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने अपने भाव व्यक्त किए। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय परिषद सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा भी की गई। इस अवसर पर नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश भर के देवतुल्य कार्यकर्ताओं से प्राप्त अपूर्व स्नेह से वे गदगद और अभिभूत हैं। गोमती नदी के तट पर स्थित प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सभी के स्नेह, उत्साह और आत्मीय स्वागत से स्वयं को धन्य महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ को भारत की राजनीति का केंद्र बिंदु भी माना जाता है। ऐसे में उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का दायित्व संभालते समय वे रोमांचित, उत्साहित और गौरवान्वित हैं।

उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के इस महासंगम के अवसर पर वे प्रेमपूर्ण भावना से स्वयं को जोड़ रहे हैं। यह भाव तब और प्रबल हुआ जब केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तथा संघ परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह महान दायित्व उन्हें सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी जैसी लोकतांत्रिक पार्टी में ही यह संभव है कि मुझ जैसे सामान्य कार्यकर्ता को भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाए।

पार्टी में नहीं चलता कोई भी वाद
पंकज चौधरी ने कहा कि भाजपा में परिवारवाद और जातिवाद नहीं चलता। पार्टी का नेतृत्व न किसी विशेष परिवार को मिलता है और न ही किसी खास जाति को। यहां कोई भी सक्रिय कार्यकर्ता बड़े से बड़ा दायित्व निभा सकता है। इसी कारण हम सभी को अपनी पार्टी पर गर्व है।

सुनियोजित नहीं था राजनीतिक जीवन का आरंभ
नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उनके राजनीतिक जीवन का आरंभ सुनियोजित नहीं था। गलत के सामने हार न मानने की जिद ने उन्हें राजनीति में प्रवेश कराया। उन्होंने बताया कि सभासद बनने के बाद डिप्टी मेयर के चुनाव में कुछ अनुचित कानूनी बाधाएं डाली गईं। इसके विरोध में समर्थकों के साथ सिविल कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक संघर्ष किया और सात महीने में न्याय मिला, जिसके बाद वे गोरखपुर के डिप्टी मेयर बने। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में पहला ऐसा मामला था, जिसमें निर्वाचित जनप्रतिनिधि पर स्टे लगा और सात महीने में निर्णय भी आया। वर्ष 1991 में भाजपा ने 26 वर्ष की आयु में उन्हें महाराजगंज से लोकसभा चुनाव लड़ाने का निर्देश दिया। वर्ष 1991 से 2024 तक उन्होंने महाराजगंज और भाजपा का साथ कभी नहीं छोड़ा। एक ही पार्टी और एक ही संसदीय क्षेत्र से सात बार उम्मीदवार बनने का अवसर भाजपा और महाराजगंज की जनता के आशीर्वाद से मिला।

सीखने और मार्गदर्शन का अवसर होगा प्राप्त
पंकज चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर अटूट विश्वास जताते हुए केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी, जिसे वे पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में यह उनकी अब तक की सबसे गंभीर और चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्हें विश्वास है कि उत्तर प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं का स्नेह और समर्पण इस दायित्व के निर्वहन में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 से अब तक कुल 15 प्रदेश अध्यक्ष संगठन का नेतृत्व कर चुके हैं। इन सभी के अनुभव संगठन की अमूल्य धरोहर हैं, जिनसे उन्हें सीखने और मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

किसी भी राजनीतिक दल के चार महत्वपूर्ण स्तंभ
पंकज चौधरी ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के चार प्रमुख स्तंभ होते हैं। कार्यकर्ता, कार्यालय, कार्यक्रम और कोष। कार्यालय हम सभी के लिए तीर्थ समान है। कार्यक्रमों के माध्यम से पार्टी के विचार जनता तक पहुंचते हैं और इन सबके लिए कोष की आवश्यकता होती है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ कार्यकर्ता है। यदि समर्पित कार्यकर्ता न हों, तो अन्य सभी व्यवस्थाएं निरर्थक हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता ही उनकी वास्तविक पूंजी और शक्ति हैं। उन्होंने अपने सभी चुनाव इन्हीं के बल पर जीते हैं। मंच से उन्होंने प्रदेश भर के कार्यकर्ताओं से कहा कि आप मेरे लिए सर्वोपरि हैं। आपके लिए मैं संघर्ष करूंगा, आपकी बात सुनूंगा और समस्याओं के समाधान का यथासंभव प्रयास करूंगा।

निरंतर संवाद से मिलेगा अनुभव का लाभ
पंकज चौधरी ने कहा कि कार्यकर्ताओं से निरंतर संवाद उनके 35 वर्षों के राजनीतिक जीवन का अभिन्न अंग रहा है। उनके अनुसार, नेतृत्व केवल आदेश देना नहीं होता, बल्कि बड़प्पन के साथ सबकी बात सुनना और समाधान का प्रयास करना ही सच्चा नेतृत्व है। उन्होंने कहा कि उन्हें रूल नहीं करना, बल्कि रोल निभाना है। एक समन्वयक, समाधानकर्ता और पूरे परिवार को साथ लेकर चलने वाले मुखिया की भूमिका।

संगठन, संपर्क, संवाद और समन्वय होगा मूलमंत्र
पंकज चौधरी ने कहा कि उनके नेतृत्व का मूलमंत्र संगठन, संपर्क, संवाद और समन्वय रहेगा। संपर्क और संवाद के माध्यम से संगठन को सशक्त बनाना और पार्टी के विचारों को जनमानस तक निरंतर पहुंचाना उनकी प्राथमिकता होगी। कार्यकर्ताओं की समस्याएं सरकार तक पहुंचाना उनकी जिम्मेदारी है, जबकि सरकार के जनहितकारी कार्यों को जनता तक पहुंचाना पार्टी और कार्यकर्ताओं का दायित्व है। 

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