जिसके सामने पाकिस्तान झुकता है, वही भारत को देता है सम्मान; ED की तारीफ करते हुए बोले – कुछ तो सीखो

नई दिल्ली
मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग को रोकने वाली इंटरनेशनल संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने भारतीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate – ED) की तारीफ की है. FATF ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों को ईडी से सीखना चाहिए कि किस तरह से मनी लॉन्ड्रिंग पर रोक लगाई जाए और क्रिमिनल केस में में एसेट्स की रिकवरी की जाए. यह वही FATF है, जिसके सामने पाकिस्तान की हेकड़ी गुम रहती है. पाकिस्तान मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए पूरी दुनिया में कुख्यात है. FATF ऐसे देशों को विभिन्न क्लासीफाइड कैटेगरी में डालता रहता है, जिससे संबंधित देशों की इकनॉमी पर बुरा असर पड़ता है. विदेशी निवेश प्रभावित होता है. FATF के कड़े प्रतिबंधों से बचने के लिए पाकिस्तान इस ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन के सामने मेमियाता रहता है. अब उसी संस्था ने भारत की जांच एजेंसी ईडी की तारीफ की है.
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने बुधवार 5 नवंबर 2025 को एक नई रिपोर्ट जारी करते हुए अपराध से अर्जित संपत्तियों की जब्ती और उन्हें पीड़ितों को वापस दिलाने में भारत के प्रयासों की सराहना की है. FATF की यह रिपोर्ट ‘Asset Recovery Guidance and Best Practices’ के नाम से प्रकाशित हुई है, जिसमें खासतौर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की तेज और प्रभावी कार्रवाई को प्रमुख उदाहरण के रूप में शामिल किया गया है. विश्व स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्त पोषण पर नजर रखने वाली FATF ने कहा कि भारत ने आपराधिक मामलों में अवैध संपत्तियों का पता लगाने, उन्हें फ्रीज़ करने, जब्त करने और समाज के हित में उपयोग करने के लिए एक मजबूत व्यवस्था विकसित की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ED ने घरेलू, अंतरराष्ट्रीय और आर्थिक अपराधों के मामले में देश से भागे अपराधियों के खिलाफ विशेष सक्रियता दिखाई है.
340 पेज की रिपोर्ट
ED की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि FATF की 340 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट में व्यावहारिक उपाय सुझाए गए हैं, जिनसे विभिन्न देशों को अपराध से जुड़े धन की पहचान करने, उसे ट्रैक करने और पीड़ितों को वापस संबंधित संपत्तियां लौटाने में सहायता मिलेगी. बयान के मुताबिक, यह गाइडेंस नीति निर्माताओं और प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक मानक है, जिससे वे अपनी राष्ट्रीय रणनीति को बेहतर बना सकें और वैश्विक बेस्ट प्रैक्टिस के अनुसार कार्य कर सकें. रिपोर्ट में कहा गया है कि ED ने क्रिप्टो करेंसी धोखाधड़ी, साइबर अपराध और पोंजी स्कीम जैसे मामलों में बेहद तेजी से कार्रवाई की है. FATF ने बताया कि कई मामलों में अपराधी विदेश भाग गए थे, लेकिन ED ने अंतरराष्ट्रीय सहयोग और कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से उनकी संपत्तियों को या तो जब्त कर लिया या फ्रीज़ किया.



