ग्वालियरमध्य प्रदेश

नायब तहसीलदार पर मारपीट का आरोप, खाद लेने आई छात्रा से भी की अभद्रता

छतरपुर 
 मध्य प्रदेश के छतरपुर में महिला नायब तहसीलदार नीतू सिंघई ने एक युवती को थप्पड़ मार दिया। युवती का आरोप है कि उसने नीतू सिंघई से कहा कि वह दो महीने से खाद लेने आ रही है, लेकिन नहीं मिल रही। उसने टोकन मांगा। नीतू सिंघई ने कहा कि महिलाओं को टोकन नहीं मिलेंगे, केवल पुरुषों को मिलेंगे। दोबारा टोकन मांगा तो तहसीलदार ने थप्पड़ मार दिया।

खाद की कालाबाजारी करने का आरोप

गुड़िया ने आरोप लगाया कि 15 ट्रक खाद रखी हुई है, लेकिन उसे ब्लैक में बेचा जा रहा है। उसने नायब तहसीलदार पर भी मिलीभगत और कमीशन लेकर खाद की कालाबाजारी करवाने का आरोप लगाया। गुड़िया ने कहा कि लगभग 250 महिलाएं रात 2 बजे से खाद के लिए लाइन में खड़ी हैं, लेकिन किसी को खाद नहीं मिल रही है।

गुड़िया के अनुसार, टोकन चार-चार दिन तक बांटे जा रहे हैं, लेकिन पैसे देने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है। यह कैसा नियम है और तहसीलदार को थप्पड़ मारने का परिणाम भुगतना पड़ेगा।

नायब तहसीलदार बोली- लोग मानने को तैयार नहीं

नीतू सिंघई ने कहा कि लोग अव्यवस्था फैला रहे हैं। धक्कामुक्की और एक दूसरे को खींच रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ तो हम पर आरोप लगा रहे हैं और कॉलर तक को खींच रहे हैं। हमारा इतने पास से वीडियो बना रहे हैं। व्यवस्था है लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं।

वहीं लोगों का कहना है कि बच्ची स्कूल छोड़ कर एक महीने से खाद के लिए परेशान है। व्यवस्था बनाना प्रशासन का काम है। टाइम पर खाद देना चाहिए न लेकिन किसानों को  खाद नहीं मिल रहा है।

खाद की कालाबाजारी करने का आरोप गुड़िया पटेल ने बताया कि वह एमए तीसरे सेमेस्टर की छात्रा है। 5 दिसंबर को उसकी परीक्षा है। वह पढ़ाई छोड़कर खाद लेने के लिए लाइन में लगी हुई है। एक महीने से खाद के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

गुड़िया ने आरोप लगाया कि 15 ट्रक खाद रखी हुई है, लेकिन उसे ब्लैक में बेचा जा रहा है। उसने नायब तहसीलदार पर भी मिलीभगत और कमीशन लेकर खाद की कालाबाजारी करवाने का आरोप लगाया। गुड़िया ने कहा कि लगभग 250 महिलाएं रात 2 बजे से खाद के लिए लाइन में खड़ी हैं, लेकिन किसी को खाद नहीं मिल रही है।

गुड़िया के अनुसार, टोकन चार-चार दिन तक बांटे जा रहे हैं, लेकिन पैसे देने के बाद भी खाद नहीं मिल रही है। यह कैसा नियम है और तहसीलदार को थप्पड़ मारने का परिणाम भुगतना पड़ेगा।

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