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8वां वेतन आयोग लागू होने की तैयारी! केंद्र सरकार की नई अधिसूचना से बढ़ेगी सैलरी और DA

नई दिल्ली 
8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने आखिरकार लंबे इंतजार के बाद 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा कर दी है। वित्त मंत्रालय के एक्सपेंडिचर डिपार्टमेंट की ओर से 3 नवंबर को जारी गजट अधिसूचना में आयोग की संरचना, सदस्यों, कार्यक्षेत्र (Terms of Reference – TOR) और मुख्यालय का डिटेल साझा किया गया है। आयोग को केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन, भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा कर सिफारिशें देने का कार्य सौंपा गया है।
 
सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है —

-अध्यक्ष (Chairperson): जस्टिस रंजन प्रकाश देसाई

-पार्ट-टाइम सदस्य (Part-Time Member): प्रो. पुलक घोष

-सदस्य-सचिव (Member-Secretary): पंकज जैन

आयोग का कार्य यह सुनिश्चित करना होगा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों का वेतन ढांचा तार्किक, कुशल और परफॉर्मेंस बेस्ड हो, जो वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों और वित्तीय अनुशासन के अनुरूप हो।

8वें वेतन आयोग के कार्यक्षेत्र
सरकार ने आयोग के लिए विस्तृत TOR जारी किए हैं। इसके तहत आयोग को निम्नलिखित कार्य करने होंगे —

(a) आयोग यह जांच करेगा और सिफारिश करेगा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों, अखिल भारतीय सेवाओं, रक्षा बलों और अन्य विभागों के लिए वेतन, भत्तों और सुविधाओं में क्या-क्या परिवर्तन आवश्यक और व्यावहारिक हैं। इनमें शामिल हैं:

1. केंद्र सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी

2. अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी

3. रक्षा बलों के कार्मिक

4. केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी

5. भारतीय लेखा एवं लेखा परीक्षा विभाग (IA&AD) के अधिकारी

6. संसद द्वारा गठित नियामक संस्थाओं (RBI को छोड़कर) के सदस्य

7. सर्वोच्च न्यायालय के अधिकारी और कर्मचारी

8. उन उच्च न्यायालयों के कर्मचारी जिनका खर्च केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वहन किया जाता है

9. केंद्र शासित प्रदेशों की अधीनस्थ न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारी

(b) आयोग ऐसा वेतन ढांचा सुझाएगा जिससे योग्य प्रतिभा सरकारी सेवा की ओर आकर्षित हो और कर्मचारियों में जवाबदेही, दक्षता और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा मिले।

(c) आयोग मौजूदा बोनस और प्रोत्साहन योजनाओं की समीक्षा करेगा और प्रदर्शन-आधारित नई योजना बनाने की सिफारिश करेगा ताकि उत्पादकता और उत्कृष्टता को पुरस्कृत किया जा सके।

(d) मौजूदा भत्तों और उनकी पात्रता की शर्तों की समीक्षा कर उनका युक्तिकरण किया जाएगा।

(e) (i) राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और एकीकृत पेंशन योजना (UPS) से जुड़े कर्मचारियों के लिए डेथ-कम-रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (DCRG) की समीक्षा कर सिफारिशें देना।

(ii) उन कर्मचारियों के लिए भी ग्रेच्युटी और पेंशन की समीक्षा करना जो NPS/UPS में शामिल नहीं हैं।

आर्थिक संतुलन पर ध्यान
8वें वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें बनाते समय देश की आर्थिक स्थिति, राजकोषीय अनुशासन, राज्यों की वित्तीय स्थिति, और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) व निजी क्षेत्र में प्रचलित वेतन ढांचे को भी ध्यान में रखना होगा।

आयोग की कार्यप्रणाली
आयोग अपने कार्य के लिए स्वतंत्र प्रक्रिया अपनाएगा। इसे सलाहकारों, विशेषज्ञों और संस्थागत परामर्शदाताओं की नियुक्ति का अधिकार होगा। आयोग आवश्यक सूचनाएं और साक्ष्य विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से मांग सकता है। सरकार ने राज्यों, सेवाकर्मी संघों और अन्य संबंधित पक्षों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षा जताई है।

रिपोर्ट तैयार करने की समयसीमा
8वें वेतन आयोग को अपनी अंतिम सिफारिशें गठन की तिथि से 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करनी होंगी। यदि आवश्यक हो, तो आयोग मध्यवर्ती रिपोर्टें भी भेज सकता है। 8वें केंद्रीय वेतन आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा। कुल मिलाकल 8वें वेतन आयोग के गठन से केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनरों की उम्मीदें एक बार फिर बढ़ गई हैं। आयोग की सिफारिशों के बाद अगले कुछ वर्षों में सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।

 

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