देश में यहां से शुरू हुई थी चाय की खेती, पहली बार यूपी में लगा था चाय का पौधा
सहारनपुर
वैसे तो सहारनपुर अपनी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है। लेकिन, कुछ ऐसी उपलब्धि भी सहारनपुर के नाम पर दर्ज हैं, जिससे जिले का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ है। भारत का सबसे अधिक पेय पदार्थ चाय का इतिहास भी सहारनपुर से ही शुरू होता है। वर्ष 1832 में सहारनपुर के राजकीय उद्यान में ही चाय की खेती का प्रयोग हुआ था। इसके बाद यहां से चाय की नर्सरी तैयार कर अलग-अलग हिस्सों में चाय की खेती के लिए भेजी गई थी।
सहारनपुर के कंपनी बाग में लगे एक बोर्ड पर लिखे इतिहास के मुताबिक, मुगलकाल में सहारनपुर में एक शाही उद्यान की स्थापना हुई हुई थी। जब दिल्ली पर अंग्रेजों का अधिकार हो गया तो सहारनपुर का उद्यान भी अंग्रेजों के अधिपत्य में चला गया। वर्ष 1824 के आसपास उद्यान के अधीक्षक रहे डॉ. रोयले ने सहारनपुर में चाय की खेती की परिकल्पना की थी। उन्होंने तत्कालीन गर्वनर लॉर्ड बिलियम बेंटिक को इसकी रिपोर्ट भेजी थी।
इसके बाद वर्ष 1932 में डॉ. फाकनर को निदेशक बनाया गया। उन्होंने चाय के बीज लाकर सहारनपुर में चाय की नर्सरी तैयार की थी। 1835 में दो हजार पौधों की पहली खेप यहां पहुंची और नर्सरी यहां कंपनी बाग में लगाई गई। कुछ पौधे शिवालिक की पहाड़ियों में लगाए गए थे, जो सहारनपुर और देहरादून क्षेत्र में पड़ता है।
भारत चाय का शीर्ष उत्पादक है। भारतीय चाय कंपनियों ने कई प्रतिष्ठित विदेशी चाय कंपनियों का अधिग्रहण किया है। भारतीय चाय की दिग्गज कंपनी गुडरिक ग्रुप की मूल कंपनी, 2018 में 103 मिलियन किलोग्राम उत्पादन करके दुनिया की सबसे बड़ी निजी चाय उत्पादक बन गई। 2013 तक भारत में ग्रीन टी की खपत प्रति वर्ष 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ रही थी। भारत में प्रमुख चाय उत्पादक राज्य हैं: असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, सिक्किम, नागालैंड, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम और मेघालय।