भोपालमध्य प्रदेश

मीटर रीडिंग में लापरवाही पर 12 आउटसोर्स मीटर वाचकों की सेवाएँ समाप्त

भोपाल

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अगस्त माह में उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने के आरोप में सेवा प्रदाता कंपनी के माध्यम से कंपनी कार्यक्षेत्र में कार्यरत 12 मीटर वाचकों को ड्यूटी से पृथक करने के साथ ही 142 मीटर वाचकों का वेतन काटा गया है। इसी प्रकार 65 मीटर वाचकों को कार्य में लापरवाही बरतने के चलते चेतावनी जारी की गई है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि उपभोक्ताओं के परिसर में स्थापित मीटर की फोटो मीटर रीडिंग में लापरवाही बरतने और गलत मीटर रीडिंग लेने पर मीटर वाचकों पर सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश जारी किये गये हैं। कंपनी कार्यक्षेत्र के अंतर्गत राजगढ़ में 3, दतिया में 2, भिण्ड में 1, ग्वालियर में 3, नर्मदापुरम में 1 एवं विदिशा में 2 आउटसोर्स मीटर वाचक को आदेशों की अवहेलना और मीटर वाचन में गड़बड़ी के आरोप में सेवा से पृथक कर दिया गया है।

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने मैदानी अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि उपभोक्ताओं के परिसर पर एक्युरेसी (शुद्धता) के साथ मीटर वाचन होना चाहिए और मीटर रीडिंग के आधार पर ही उपभोक्ताओं को विद्युत देयक दिए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि मीटर वाचकों के कार्य पर निष्ठा एप के द्वारा निगरानी रखी जाए और जो मीटर वाचक कर्तव्य पालन में लापरवाही बरत रहे हैं, उन्हें सेवा से पृथक किया जाए।

कंपनी ने कहा कि उपभोक्ता सेवा सर्वोपरि है। उपभोक्ताओं को कंपनी बेहतर से बेहतर सेवाएँ देने के लिए कृत-संकल्पित है और इसी दिशा में काम किया जा रहा है। कंपनी ने उपभोक्ताओं को जागरूक रहने के लिए कहा है कि जब उनके परिसर की मीटर रीडिंग होती है, तो वे मीटर वाचक द्वारा ली गई रीडिंग और मीटर में दर्ज रीडिंग पर नजर रखें, ताकि सही देयक मिल सके। कंपनी का प्रयास है कि बिलिंग संबंधी शिकायतों को शून्य लेवल पर लाया जाए। कंपनी ने कहा है कि फोटो मीटर रीडिंग निष्ठा एप के माध्यम से की जा रही है। दरअसल फोटो मीटर रीडिंग ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें मानवीय हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं है और मीटर वाचन में अंकित वाचन की फोटो खींचकर सिस्टम में अपलोड की जाती है। मीटर वाचकों पर कड़ी निगरानी और लापरवाही बरतने वाले मीटर वाचकों को सेवा से मुक्त किये जाने की कार्यवाही के कारण उपभोक्ताओं को काफी राहत मिली है। कुछ शहरों में क्यूआर कोड लगाने के कारण भी फायदा मिला है एवं इससे मीटर वाचन की प्रक्रिया जल्द संपादित हो रही है।

 

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