उत्तर प्रदेशराज्य

‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047: अब तक प्राप्त हुए 53 लाख से अधिक सुझाव

फीडबैक देने में शीर्ष पांच जनपदों में जौनपुर, संभल, प्रतापगढ़, बिजनौर और गोरखपुर शामिल

लखनऊ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन ‘समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश @2047: समृद्धि का शताब्दी पर्व महाभियान’ के अंतर्गत प्रदेशभर में जनता से सीधे संवाद और विकास के रोडमैप पर फीडबैक जुटाने का अभियान निरंतर जारी है। 25 अक्टूबर, 2025 तक जनता की राय एवं सुझाव एकत्र करने के लिए बनाए गए पोर्टल samarthuttarpradesh.up.gov.in पर 53 लाख से अधिक फीडबैक प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 41.50 लाख से अधिक सुझाव ग्रामीण क्षेत्रों से और 11.50 लाख से अधिक सुझाव नगरीय क्षेत्रों से आए हैं। इनमें करीब 26 लाख सुझाव 31 वर्ष से कम आयु वर्ग से, करीब 25 लाख सुझाव 31 से 60 वर्ष आयु वर्ग से तथा 2.5 लाख से ज्यादा सुझाव 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग से प्राप्त हुए हैं।

कृषि क्षेत्र से सर्वाधिक फीडबैक
विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त सुझावों में कृषि क्षेत्र में सर्वाधिक 13 लाख सुझाव मिले हैं, इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र से 12.50 लाख से ज्यादा और अर्बन डेवलेपमेंट से 10.77 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा पशुधन एवं डेयरी,, इंडस्ट्री, आईटी व टेक, पर्यटन, ग्रामीण विकास, इन्फ्रास्ट्रक्चर, समाज कल्याण, नगरीय एवं स्वास्थ्य तथा सुरक्षा से जुड़े विषयों पर भी व्यापक पैमाने पर सुझाव प्राप्त हुए हैं। 

सर्वाधिक सुझाव देने में जौनपुर अव्वल
जनपदवार फीडबैक के अनुसार शीर्ष पांच जनपदों में जौनपुर, संभल, प्रतापगढ़, बिजनौर और गोरखपुर शामिल हैं। जौनपुर से 3.21 लाख से ज्यादा, संभल से 3 लाख से ज्यादा, प्रतापगढ़ से 1.76 लाख से ज्यादा, बिजनौर से 1.67 लक्ष्य ज्यादा और गोरखपुर से 1.58 लाख से ज्यादा फीडबैक मिले हैं। इसके अलावा बरेली से 1.28 लाख से अधिक,  बाराबंकी से करीब 1.25 लाख, सोनभद्र से 1.20 लाख से ज्यादा, गोंडा से 1.12 लाख से अधिक और हरदोई से करीब 1.15 लाख सुझाव मिले हैं।

जनसहभागिता के लिए व्यापक आयोजन
महाभियान के तहत जनजागरूकता व संवाद के लिए प्रदेशभर में व्यापक आयोजन भी किए गए हैं। अब तक 15 नगर निगमों, 212 नगर पालिकाओं, 528 नगर पंचायतों, 56 जिला पंचायतों, 713 क्षेत्र पंचायतों तथा 42,666 ग्राम पंचायतों में बैठकों, सम्मेलनों और गोष्ठियों का सफल आयोजन किया जा चुका है। इन आयोजनों के माध्यम से स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों के बीच संवाद व सहभागिता को और अधिक सशक्त किया गया है।

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