सबरीमाला गोल्ड स्कैम का खुलासा: पूर्व अधिकारी समेत तीन गिरफ्तार, सामने आई चौंकाने वाली बातें

तिरुवनंतपुरम
सबरीमला मंदिर से कथित तौर पर सोना गायब होने की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने पूर्व कार्यकारी अधिकारी सुधीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि कुमार 2019 में सबरीमला मंदिर के कार्यकारी अधिकारी थे। उन्हें तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया।
कुमार पर मंदिर के आधिकारिक दस्तावेजों में द्वारपालक (संरक्षक देवता) की मूर्तियों पर सोने की परत चढ़ने की बात छिपाने और उन्हें तांबे की चादरों के रूप में दर्ज करने का आरोप है। सूत्रों ने बताया कि कुमार 1990 के दशक से सबरीमाला से जुड़े थे और उन्हें पता था कि 1998 से 1999 के दौरान द्वारपालक की मूर्तियों सहित गर्भगृह पर सोने की परत चढ़ाई गई थी।
एक अधिकारी ने बताया कि जब 2019 में द्वारपालक की प्लेट सोने की परत चढ़ाने के लिए मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपी गईं तो कुमार ने कथित तौर पर उन्हें तांबे की प्लेट के रूप में दर्ज किया जिससे आरोपी बाद में मौजूदा सोने की परत को हटा सका। कुमार इस मामले में गिरफ्तार किए गए तीसरे व्यक्ति हैं। उनसे पहले पोट्टी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी बी. मुरारी बाबू को गिरफ्तार किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि कुमार को बाद में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच, एसआईटी ने पोट्टी के करीबी सहयोगी वासुदेवन से भी पूछताछ की। जांच अधिकारियों ने बताया कि वासुदेवन ने द्वारपालक की मूर्तियों के अलावा स्वर्ण की परत चढ़े आसन को अपने पास रखा था, जिसे बाद में पिछले महीने तिरुवनंतपुरम में पोट्टी के एक रिश्तेदार के घर से जब्त किया गया था। एसआईटी द्वारपालक की उन मूर्तियों और श्रीकोविल (गर्भगृह) की चौखटों से सोने की चोरी से संबंधित दो मामलों की जांच कर रही है, जिन्हें 2019 में इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए पोट्टी को सौंपा गया था।



