रिलायंस ने मुकेश अंबानी को 2029 तक चेयरमैन बनाने के लिए मंजूरी मांगी
नई दिल्ली
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने मुकेश अंबानी को अगले पांच साल के लिए शून्य वेतन पर कंपनी का चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) नियुक्त करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है। इस नए कार्यकाल के दौरान अंबानी (66) मुख्य कार्यकारी के पद के लिए कंपनी कानून के तहत जरूरी 70 साल की आयुसीमा को पार कर जाएंगे और आगे नियुक्ति के लिए उन्हें शेयरधारकों के विशेष प्रस्ताव की जरूरत है। विशेष प्रस्ताव में रिलायंस ने अंबानी को अप्रैल, 2029 तक कंपनी का चेयरमैन नियुक्त करने के लिए शेयरधारकों की मंजूरी मांगी है।
वार्षिक पारिश्रमिक 15 करोड़ था
अंबानी रिलायंस के निदेशक मंडल में 1977 से हैं और जुलाई, 2002 में अपने पिता और समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद कंपनी के चेयरमैन बन गए थे। शेयरधारकों को भेजे गए विशेष प्रस्ताव में रिलायंस ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने 21 जुलाई, 2023 को मुकेश अंबानी को प्रबंध निदेशक के तौर पर आगे पांच साल के लिए नियुक्ति करने को मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव में कहा गया कि अंबानी ने वित्त वर्ष 2008-09 से वित्त वर्ष 2019-20 तक अपना वार्षिक पारिश्रमिक 15 करोड़ रुपये तय किया था।
कोविड के कारण वेतन नहीं लेने का लिया था फैसला
इसके बाद वित्त वर्ष 2020-21 के बाद से उन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण अपना वेतन छोड़ने का विकल्प चुना। वित्त वर्ष 2020-21 से लगातार तीन वर्षों तक उन्हें कोई वेतन और लाभ-आधारित कमीशन का भुगतान नहीं किया गया है। प्रस्ताव में कहा गया, “अंबानी के अनुरोध पर बोर्ड ने सिफारिश की है कि 19 अप्रैल, 2024 से 18 अप्रैल, 2029 तक प्रस्तावित अवधि के लिए उन्हें कोई वेतन या लाभ-आधारित कमीशन का भुगतान नहीं किया जाएगा।”
रिलायंस ने सरकारी खजाने में जमा कराए 5 लाख करोड़
रिलायंस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड ने पिछले तीन सालों में सरकारी खजाने में 5 लाख 653 करोड़ रुपए जमा कराए हैं। यह रकम प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष टैक्स, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क व अन्य मदों में जमा कराए गए हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस ने 1.77 लाख करोड़ चुकाए हैं। कंपनी की 46वीं सालाना आम बैठक (एजीएम) से पहले कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में यह बात सामने आई। कंपनी की सालाना आम बैठक 28 अगस्त को होगी। इससे पिछले वित्त वर्ष में भी रिलायंस ने 1.88 लाख रुपए का योगदान सरकारी खजाने में किया था। रिलायंस देश में सबसे ज्यादा टैक्स चुकाने वाली कंपनी बनी हुई है।
नौकरियां देने में भी रिलायंस नंबर वन पर रही। वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में रिलायंस ने 95,167 नई नौकरियां सृजित की, इन्हें मिलाकर रिलायंस में कुल कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 3.89 लाख हो गई है। इनमें से 2.45 लाख से अधिक कर्मचारियों के साथ रिलायंस रिटेल का नाम देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं में शामिल हो गया है। रिलायंस जियों में 95 हजार से अधिक लोग काम कर रहे हैं। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब रिलायंस ने हजारों नई नौकरियां सृजित की हैं। यहां तक की कोविड के दौर में भी कंपनी ने 75 हजार नई नौकरियां निकाली थी।