जबलपुरमध्य प्रदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को दिखाया शहडोल में बसा मिनी ब्राजील, आदिवासी गांव में पैदा होते हैं चैंपियन्स

शहडोल
 जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहडोल जिले का दौरा किया था, और ये दौरा उन्हें इतना भा गया कि शहडोल जिले के एक छोटे से आदिवासी गांव की तारीफ वे एक बार नहीं बल्कि कई बार कर चुके हैं. हाल ही में उन्होंने शहडोल जिले के इस मिनी ब्राजील की चर्चा अमेरिकन पॉडकास्टर से की है, जो सुर्खियों में है.

अमेरिका तक शहडोल के मिनी ब्राजील की गूंज

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकन पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन के साथ विस्तार से बातचीत की, जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के दौरे को भी याद किया. पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने शहडोल जिले के आदिवासी बाहुल्य गांव विचारपुर की बात की, जिसे 'मिनी ब्राजील' के नाम से जाना जाता है, उन्होंने कहा कि शहडोल जिले की यात्रा में उन्हें उस जगह के बारे में पता चला, जहां के निवासियों में फुटबॉल के प्रति अटूट प्रेम था और वे अपने क्षेत्र को मिनी ब्राजील कहते हैं.''

अमेरिकन पॉडकास्ट में मोदी ने शहडोल को किया याद

अमेरिकन पॉडकास्ट में पीएम मोदी ने कहा, " हमारे यहां मध्य प्रदेश एक स्टेट है, सेंट्रल पार्ट ऑफ इंडिया में. वहां शहडोल करके एक जिला है, वहां बहुत बड़ा ट्राइबल बेल्ट है, जहां काफी ट्राइबल लोग रहते हैं. वहां ट्राइबल वुमन के स्वसहायता समूह चलते हैं, उनसे मैं बातचीत कर रहा था. उनसे बातचीत करना मुझे पसंद आता है, ऐसे लोगों से बातचीत करने मिलने गया था, वहीं पर मैंने देखा कि स्पोर्ट्स की ड्रेस पहने हुए वहां 70 से 80 के करीब नौजवान, छोटे बच्चे, सभी लोग एक ही प्रकार से बैठे थे, स्वाभाविक है मैं उनके पास गया. मैंने पूछा कि आप लोग कहां से हैं, तो सभी ने कहा कि हम 'मिनी ब्राजील से हैं'.

विचारपुर गांव को कहते हैं मिनी ब्राजील

पीएम ने आगे कहा, '' मैंने कहा कि मिनी ब्राजील क्या है? तो वो बोले कि हमारे गांव को लोग मिनी ब्राजील कहते हैं, तो मैंने बोला कैसे मिनी ब्राजील कहते हैं? तो बोले हमारे गांव में हर परिवार में लगभग चार-चार पीढ़ी से लोग फुटबॉल खेलते आ रहे हैं, और नेशनल प्लेयर 80 के करीब हमारे गांव से निकले हैं, पूरा गांव फुटबॉल को समर्पित है, और वो कहते हैं कि हमारे गांव का इंडिविजुअल मैच जब होता है, तो 20 से 25 हजार दर्शक तो आसपास के गांव से ही आ जाते हैं, तो भारत में जो फुटबॉल का क्रेज इन दिनों बढ़ रहा है, मैं उसके लिए इसे शुभ संकेत मानता हूं. यह टीम स्पिरिट भी पैदा करता है.

मिनी ब्राजील विचारपुर के बारे में

गौरतलब है कि मिनी ब्राजील के नाम से पहचान रखने वाला यह गांव शहडोल जिला मुख्यालय से लगा हुआ विचारपुर गांव है, और ये आदिवासी बाहुल्य गांव है. यहां पर फुटबॉल के प्रति लोगों में गजब का क्रेज है. बच्चे हों, बड़े हों, बुजुर्ग हों या लड़के-लड़कियां सभी में फुटबॉल के प्रति जुनून है. क्रिकेट के इस दौर में भी विचारपुर गांव में फुटबॉल का एक अलग ही क्रेज देखने मिलता है. ठंडी हो या बरसात, यहां बच्चे हमेशा फुटबॉल खेलते आपको मिल जाएंगे.

विचारपुर में खेलो इंडिया सेंटर

करीब डेढ़ साल पहले विचारपुर में ही फुटबॉल के लिए साईं का खेलो इंडिया सेंटर भी खोला गया. यहां विचारपुर की ही फुटबॉल प्लेयर 9 नेशनल खेल चुकीं लक्ष्मी सहीस को सेंटर का कोच बनाया गया है, जो सेंटर में लगातार सुबह-शाम कोचिंग देती हैं. लक्ष्मी बताती हैं कि केंद्र में 20 लड़के और 20 लड़कियां हैं, बाकी गांव के भी बच्चे आते हैं. कुल मिलाकर 50-60 बच्चे हो जाते हैं.

हर दूसरे घर में नेशनल प्लेयर

विचारपुर के ही रहने वाले और खुद नेशनल खेल चुके प्लेयर अनिल सिंह गोंड बताते हैं, '' विचारपुर में कई पीढियों से लोग फुटबॉल खेल रहे हैं, और फुटबॉल के प्रति इनका गजब क्रेज है. यही वजह है कि इस गांव के हर दूसरे घर में आपको फुटबॉल के नेशनल प्लेयर मिल जाएंगे. सबसे अच्छी बात यह है कि यहां लड़कों से ज्यादा लड़कियां नेशनल खेली हुई हैं. कुछ लड़कियां तो ऐसी हैं कि अकेले ही 8 से 9 नेशनल गेम्स फुटबॉल में खेल चुकी हैं.''

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