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अंतरिक्ष की यात्रा कर वापस धरती पर लौटी पॉप स्टार कैटी पेरी

लॉस एंजिल्स

पॉप स्टार कैटी पेरी सोमवार को अंतरिक्ष की यात्रा कर वापस धरती पर लौट आई हैं। जेफ बेजोस के 'ब्लू ओरिजन' रॉकेट के साथ उन्‍होंने अपनी इस अंतरिक्ष यात्रा को 'इमोशनल' अनुभव बताया है। कैटी ने कहा कि मां बनने के बाद यह जीवन में उनका दूसरा सबसे बड़ा अनुभव रहा है। कैटी ने खुलासा किया कि उन्‍होंने उड़ान के दौरान 'व्हाट ए वंडरफुल वर्ल्ड' गाना भी गाया।

करीब 11 मिनट की यात्रा के बाद जब कैटी पेरी ब्लू ओरिजिन के न्यू शेपर्ड रॉकेट से नीचे उतरीं तो उन्‍होंने कहा, 'मुझे लगता है कि इस अनुभव ने मुझे यह दिखाया है कि आप अपने अंदर भरे प्यार को कभी नहीं जान सकते, जैसे कि आपको कितना प्यार देना है और आपसे कितना प्यार किया जाता है।'

ऑल वुमन टीम के साथ कैटी पेरी ने रचा इतिहास
'फायरवर्क' और 'कैलिफोर्निया गर्ल्स' की सिंगर कैटी पेरी की यह यात्रा इसलिए भी ऐतिहासिक थी कि वह एक ऑल वुमन टीम के साथ अंतरिक्ष में पहुंची थीं। 'अमेजन' के संस्थापक जेफ बेजोस की स्‍पेस कंपनी 'ब्लू ओरिज‍न' के रॉकेट से कैटी पेरी समेत महिलाओं के 5 सदस्‍यीय दल को पृथ्वी की सतह से 100 किलोमीटर से अधिक ऊपर ले जाया गया। यह न्यू शेपर्ड प्रोग्राम का हिस्सा है, जिसे NS-31 नाम दिया गया।

धरती पर लौटते ही कैटी ने जमीन को चूमा
इस यात्रा में कैटी पेरी के साथ जेफ बेजोस की मंगेतर लॉरेन सांचेज, टीवी प्रजेंटर गेल किंग, मानवाधिकार कार्यकर्ता अमांडा गुयेन, फिल्ममेकर केरियन फ्लिन और नासा की पूर्व रॉकेट साइंटिस्ट आइशा बोवे भी थीं। कैप्सूल के सुरक्षित उतरने के बाद कैटी पेरी के जमीन को चूमने का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

अपने साथ डेजी का फूल लेकर गई थीं कैटी पेरी
कैटी पेरी ने उड़ान भरने के दौरान अपने साथ एक डेजी का फूल भी रखा था। यह उनकी बेटी डेजी के लिए था। वह बाकी महिलाओं के साथ करीब 4 मिनट तक स्‍पेस में रहीं। न्यू शेपर्ड रॉकेट सोमवार को पृथ्वी से 100 किमी की अधिकतम ऊंचाई तक पहुंचा और इसने करमन लाइन को पार किया, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अंतरिक्ष की सीमा माना जाता है।

अंतरिक्ष में इससे पहले 1963 में बिना पुरुष के गई थी महिला
साल 2000 में अरबपति जेफ बेजोस ने स्‍पेस टूरिज्‍म कंपनी ब्लू ओरिजन की शुरुआत की थी। सोमवार को कैटी पेरी समेत ऑल वुमन टीम को ले जाने वाला न्यू शेपर्ड रॉकेट वेस्ट टेक्सास से लॉन्च किया गया। यह पहली ऐसी अंतरिक्ष उड़ान थी, जिसमें हर सीट पर महिलाएं बैठी थीं। इससे पहले 1963 में रूसी इंजीनियर वेलेंटिना तेरेश्कोवा ने अकेले अंतरिक्ष की यात्रा की थी।

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