राजनीतिक

मेसी इवेंट की अफरातफरी पर सियासी बवाल, हिमंत सरमा बोले— ममता बनर्जी की हो गिरफ्तारी

कोलकाता 
फुटबॉल आइकॉन लियोनेल मेसी के कोलकाता कार्यक्रम के दौरान फैली अव्यवस्था ने पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी को निशाना पर ला दिया है। भाजपा लगातार टीएमसी और सरकार पर निशाना साध रही है। इसी क्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने भी इस घटना के लिए बनर्जी पर हमला बोला है। उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था के पूरी तरह से ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि टीएमसी नेताओं के वीआईपी कल्चर की वजह से एक अच्छा कार्यक्रम खराब हो गया।
 
लियोनेल मैसी के भारत दौरे के पहले दिन ही कोलकाता के मैदान में मची अफरा-तफरी का जिक्र करते हुए सरमा ने कहा कि जवाबदेही ऊपर से तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा, "इस मामले में राज्य के मुख्यमंत्री, गृहमत्री और कोलकाता पुलिस आयुक्त को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।" इतना ही नहीं सरमा से जब पूछा गया कि क्या वह कार्यक्रम के आयोजक कि गिरफ्तारी का विरोध कर रहे हैं? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह न तो इसका विरोध कर रहे हैं और न ही इसका समर्थन कर रहे हैं। सरमा के मुताबिक इस घटना की पहली जिम्मेदारी राज्य के गृहमंत्री और पुलिस आयुक्त की बनती है।

सरमा ने दूसरे राज्यों में हुए बड़े सार्वजनिक कार्यक्रमों की तुलना कोलकाता के आयोजन से करते हुए कहा कि भंगाव में भीड़ प्रबंधन की नाकामी साफ तौर पर सामने आई है। उन्होंने कहा, "गायक जुबिन गर्ग के निधन के बाद गुवाहाटी की सड़कों पर तीन दिनों तक करीब 10 लाख लोग मौजूद थे, लेकिन कोई हादसा नहीं हुआ। यहां पोस्ट मालोन का कार्यक्रम भी शांतिपूर्ण ढंग से हुआ, जिसमें करीब 50 हजार लोग शामिल हुए और कोई घटना नहीं हुई। मुंबई में विश्व कप फाइनल हुआ और सब कुछ शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। लेकिन पश्चिम बंगाल ऐसा राज्य है, जहां कुछ भी अनुमानित नहीं होता। क्योंकि वहां वीआईपी कल्चर चरम पर है।”

गौरतलब है कि भारत दौरे पर आए अर्जेंटीना के फुटबॉल आइकॉन लियोनेल मैसी का सबसे पहला कार्यक्रम कोलकाता के सॉल्ट लेक स्टेडियम में ही था। इस कार्यक्रम के लिए लोगों ने हजारों रुपए के टिकट खरीदे और अपने पसंदीदा फुटबॉल सितारे की एक झलक पाने के लिए खचाखच भरे स्टेडियम में पहुंचे। हालांकि, उनकी यह हसरत उस समय हताशा में बदल गई, जब मैसी केवल 15 मिनट बाद ही स्टेडियम से चले गए। इसके बाद गुस्साए प्रशंसकों ने पानी की बोतलें फेंकनी शुरू कर दी। उन्होंने आयोजकों पर आरोप लगाया कि पहले बताया गया था कि कार्यक्रम लगभग 45 मिनट का होगा, लेकिन मैसी 15 मिनट में ही चले गए और जितने भी समय वह ग्राउंड पर रहे, टीएमसी नेताओं और वीआईपी लोगों के परिवारों ने ही उन्हें घेरे रखा।

 

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