उत्तर प्रदेशराज्य

अपने पालतू डॉग को महंगे हेल्दी फूड्स दे रहे इस शहर के लोग, ये है लाउंजर बेड और स्वीमिंग पुल की कीमत

अलीगढ़  

अलीगढ़ में विश्व डॉग दिवस में पालतु श्वान के रख रखाव के प्रति जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। अलीगढ़ में कई ऐसे पशु प्रेमी या डॉग लवर हैं जो बच्चों की तरह उनका अपने श्वान को प्यार और देखभाल कर रहे हैं। इनके रख रखाव और डायट हजारों खर्च हो जाए उन्हें मलाल नहीं है। अलीगढ़ में अगर सबसे बड़े डॉग लवर की बात करें तो सबसे पहले संदीप नक्षत्र का नाम आता है। जो कि कैनल क्लब ऑफ इंडिया के अलीगढ़ सेक्रेटरी और सोसायटी फॉर एनिमल के आजीवन सदस्य भी है।

उन्होंने बताया कि उनके पाया लेब्राडोर, बॉक्सर, मिनिएचर, विंचर, माल्टिन आदि ब्रीड के श्वान हैं। जिनका ध्यान वह अपने बच्चों की तरह रखते हैं। यही नहीं कोविड लॉकडाउन में जब इंसान घरों में कैद थे। तब सड़कों पर निकल आवारा श्वानों का भी ध्यान रखा। दो चार दस नहीं बल्कि सैकड़ों श्वानों उन्होंने भोजन कराया। जिसे देखते हुए कई और लोग भी आवारा श्वानों के लिए आगे आए।
 

दवाएं भी बेहद महंगी
पशु सर्जन डॉ. विराम वार्ष्णेय ने बताया कि पालतु श्वानों स्किन से जुड़ी समस्या, पेट की समस्या, खाना पाचन की समस्या अधिक रहती है। जिसके लिए उन्हें कई टीके और दवा दिए जाते हैं। जैसे बालों में टिक्स होने पर 700 रुपये से 2000 रुपये तक का टीका दिया जाता है। पारो यानी उनके दस्त में खून आने पर टीका लगाया जाता है। हीट के लिए सीरम दिया जाता है। यही नहीं टूथपेस्ट, ओरल केयर, आंखों के कीचड़ को साफ करने के लिए स्टेन क्लीनर का प्रयोग किया जाता है।

पालतू श्वानों के उत्पाद बहुत महंगे
पालतु श्वानों के उत्पाद इंसानों के उत्पाद भी महंगे हैं। अंतरिक्ष पेट शाप के मालिक अंतरिक्ष वार्ष्णेय ने बताया कि उनके सोने के लिए लाउंजर बेड 1500 से 3000 रुपये, स्वीमिंग पुल 10 से 15 हजार रुपये, 12 पीस डायपर 600 रुपये, ट्रेनिंग पैड 1500 रुपये में आता है। इसके अलावा उनके डायट में कैल्सियम बोन, बिस्किट, हॉट डॉग बार, चिकन स्टिक, चिकन लिवर, सूखी मछली आते हैं। उनके खेलने के लिए नूडल्स बॉल, स्पाइक बॉल, नॉट और यहां तक कि टाई और बो भी उनके स्पेशल आते हैं।

अलीगढ़ कैनल क्लब के सेक्रेटरी, संदीप नक्षत्र ने कहा कि श्वान से वफादार कोई अन्य जानवर नहीं होता है। हम जिन्हें उतना देते हैं उससे ज्यादा वह हमारे लिए करते हैं। पालतु ही नहीं गली मोहल्लों के श्वानों का भी ध्यान रखें। एक रोटी बांटने उनकी भूख मिट सकती है।

देखभाल में खर्च होते हैं हजारों रुपये
इंसानों की तरह ही अलग अलग ब्रीड के श्वानों को पालने में हजारों रुपये का खर्च श्वान प्रेमी हजारों रुपये खर्च कर रहे है। यही नहीं इंसान ही नहीं श्वानों को भी पार्लर की जरूरत पड़ती है। माह में एक बार उनकी ग्रुमिंग आवश्यक है। जिससे उन्हें किसी प्रकार की स्किन से जुड़ी समस्या न हो। नाखुन से लेकर आई ब्रो तक उनकी पार्लर में ही बनाए जाते हैं, जिससे वह आकर्षक दिख सकें।

 

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