अतिचारी गुरु और वक्री शनि: क्या बन रहे हैं 2025 की भयावह घटनाओं के संकेतक?”
दिसंबर माह साल 2025 का अंतिम माह होगा. इस साल कई संघर्ष और दुर्घटनाएं देखने को मिलीं. इस साल को संघर्ष और दुर्घटनाओं से भरा साल कहना गलत नहीं होगा. इस साल भारत सहित दुनियाभर में कई ऐसी घटनाएं देखने को मिलीं, जिन्होंने जान-माल को भारी नुकसान पहुंचाया. इन घटनाओं में अहमदाबाद में हुआ प्लेन क्रैश प्रमुख था.
इसके साथ-साथ कई देशों के बीच युद्ध के हालात भी पैदा हुए. ऐसे में आइए ज्योतिष दृष्टि से जान लेते हैं साल 2025 में होने वाली इन दुर्घटनाओं का कारण.
तिचारी गुरु
इस साल मई के महीने में गुरु ग्रह ने अतिचारी चाल शुरू की थी, अतिचारी का अर्थ है, जब कोई ग्रह उसकी समान्य गति से अधिक तेजी से चलने लगता है. साल 2032 तक गुरु अतिचारी गति से ही चलने वाले हैं. ज्योतिष शास्त्र गुरु की अतिचारी गति को अच्छा नहीं मानता. साथ ही इस साल मई माह के अंत में छह ग्रह एक ही राशि में गोचर कर रहे थे. मान्यता है कि महाभारत के युद्ध के समय भी गुरु की चाल अतिचारी थी.
महाभारत के युद्ध के दौरान भी छह ग्रह एक ही राशि में गोचर कर रहे थे. इस साल भी गुरु के अतिचारी होने की वजह से भारत समेत पूरी दुनिया ने कई दुर्घटनाएं हुईं. इस साल भारत-पाकिस्तान और ईरान-इजरायल की आपस में भीड़ंत हो गई थी.
मंगल-केतु युति
मंगल और केतु ने इस साल 7 से लेकर 28 जुलाई तक युति बनाई थी. मंगल और केतु की युति के 5 दिन बाद ही 12 जून 2025 को अहमदाबाद में विमान क्रैश हो गया था. इसमें 241 लोग मारे गए थे. इस बीच ही ईरान और इजराइल के बीच युद्ध के हालात बन गए थे. ज्योतिषीय दृष्टि से देखा जाए तो 2026 की शुरुआत में भी ग्रह ऐसी स्थिति में रहने वाले हैं.
शनि वक्री
शनि ग्रह इस साल 13 जुलाई को वक्री हुए थे. 28 नवंबर तक शनि इसी अवस्था में रहेंगे. वक्री शनि पर इस साल मंगल की भी दृष्टि थी. जब शनि और मंगल एक दूसरे पर दृष्टि डालते हैं, तो हिंसा होती है. युद्ध होता है.
2025 में अभी और क्या हो सकता है?
इस माह के अंत में 29 तारीख को शनि मार्गी हो जाएंगे. वहीं 5 दिसंबर को गुरु अतिचारी अवस्था में मिथुन राशि में गोचर कर जाएंगे. शनि के मार्गी होने से कुछ बड़े नतीजे आ सकते हैं. कुछ नेता गिरफ्तार हो सकते हैं. युद्ध का परिणाम निकल सकता है. हालांकि अतिचारी गुरु की वजह से धार्मिक उन्माद देखने को मिल सकता है. कुछ लोग धर्म के नाम पर जहर फैला सकते हैं. विश्व स्तर पर कुछ आपदाएं लोगों के लिए समस्या बन सकती हैं.


