देश

नोबेल विजेता मारिया मचाडो ने की भारत की प्रशंसा, PM मोदी से वेनेजुएला में लोकतंत्र बहाली की अपील

नई दिल्ली

2025 के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता और वेनेजुएला में लोकतंत्र की बहाली के लिए 20 साल से संघर्ष कर रहीं मारिया कोरिना मचाडो ने भारत को महान लोकतंत्र और दुनिया के लिए आदर्श बताया है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में मचाडो ने कहा कि भारत वेनेजुएला का महत्वपूर्ण साथी बन सकता है और दोनों देश लोकतंत्र के बहाली के बाद कई क्षेत्रों में साथ काम कर सकते हैं.

मचाडो ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी से बात करना चाहती हूं और उन्हें स्वतंत्र वेनेजुएला में जल्दी आमंत्रित करना चाहती हूं.” उन्होंने भारत की लोकतांत्रिक भूमिका की भी तारीफ की और कहा कि लोकतंत्र को मजबूत रखना बहुत जरूरी है. मचाडो ने महात्मा गांधी की अहिंसात्मक लड़ाई से प्रेरणा लेने की बात कही. उन्होंने कहा, “शांति रखना कमजोरी नहीं है, गांधी ने पूरी दुनिया को यह दिखाया.”

वेनेजुएला के 2024 राष्ट्रपति चुनाव पर क्या कहा?

उन्होंने वेनेजुएला के 2024 राष्ट्रपति चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि विपक्ष ने भारी बहुमत से जीत हासिल की थी, लेकिन निकोलस मादुरो सरकार ने चुनाव रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने मादुरो को शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता छोड़ने का प्रस्ताव दिया, लेकिन मादुरो ने इनकार कर दिया और देश में सख्त दमन शुरू कर दिया.

मचाडो ने जताई ये उम्मीद

मचाडो ने कहा कि यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लोकतंत्र बहाली में उनके मुख्य सहयोगियों में से हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय समर्थन के चलते मादुरो समझेंगे कि अब उनका समय खत्म हो गया है और उन्हें शांति से सत्ता छोड़नी होगी. मचाडो ने भारत से कहा कि वेनेजुएला में लोकतंत्र बहाल होने के बाद भारत की कंपनियां ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूरसंचार में निवेश कर सकती हैं.

भारत और वेनेजुएला के संबंधों के लिए अवसर

मचाडो ने भारत को भी लोकतंत्र और मानवाधिकार के लिए अपनी आवाज उठाने वाले देशों में शामिल होने का आमंत्रण दिया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र बहाल होने के बाद भारत की कंपनियां ऊर्जा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और दूरसंचार के क्षेत्रों में निवेश कर सकती हैं. मचाडो ने यह भी कहा कि भारत की लोकतांत्रिक ताकत और अनुभव वेनेजुएला के लोकतंत्र के पुनर्निर्माण में मार्गदर्शन कर सकता है. 

मचाडो ने अंत में यह संदेश दिया कि लोकतंत्र को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए और भारत जैसे बड़े लोकतंत्र की जिम्मेदारी बहुत बड़ी है, क्योंकि पूरी दुनिया ऐसे उदाहरण से सीखती है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button