राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय खुलेगा भोपाल में, 10 एकड़ जमीन आरजीपीवी कैम्पस में दी जाएगी

भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आज 1 जुलाई मंगलवार को सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में अहम कैबिनेट बैठक हुई है, जिसमें कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा के बाद मुहर लगाई गई ।इसके अलावा छात्रों और किसानों के लिए भी अहम फैसले लिए गए।
मध्यप्रदेश में 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद निवेश संवर्धन को लेकर गठित मंत्रिमंडल समिति की बैठक भी होगी, जिसमें विभिन्न उद्योगों को प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत लाभ देने संबंधी फैसले लिए जाएंगे।
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत प्रदेश में बनाए गए पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गए हैं। जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है। इसलिए सरकार ने मध्य प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के माध्यम से इन सड़कों और पुलों को सुधारने का निर्णय लिया है। 1766 पुलों के निर्माण के लिए 4572 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय खुलेगा भोपाल में
डिप्टी सीएम शुक्ल ने बताया कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर का कैम्पस भोपाल के लिए स्वीकृत हुआ है। इसके लिए 10 एकड़ जमीन आरजीपीवी कैम्पस में दी जाएगी। जब तक RRU का अपना भवन नहीं बनेगा, तब तक आरजीपीवी के भवन से संचालित किया जाएगा। जब रक्षा विश्वविद्यालय अपना कैम्पस तैयार कर लेगा, तो वहां शिफ्ट हो जाएगा। इस संस्थान के आने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रोजगार और कौशल के लिए एमपी के बच्चों को मौका मिलेगा। राज्य और राष्ट्र स्तर के मामले में मजबूती मिलेगी। हायर एजुकेशन के क्षेत्र में भी इससे प्रगति होगी।
एक बगिया मां के नाम योजना शुरू होगी
कैबिनेट बैठक के दौरान मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि राज्य सरकार 'एक बगिया मां के नाम' से नई योजना प्रारंभ करने जा रही है, जिसमें स्व-सहायता समूह की 30 हजार महिलाएं आजीविका संवर्धन के लिए 30 हजार एकड़ भूमि पर 30 लाख उद्यानिकी पौधों का रोपण करेंगी। इस पर करीब 900 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस भूमि पर फल उद्यान का विकास किया जाएगा।
डॉ. यादव ने बताया कि इस योजना में हितग्राहियों को पौधे, खाद, गड्ढे खोदने के साथ ही पौधों की सुरक्षा के लिए तारफेंसिंग और सिंचाई के लिए जल कुंड बनाने के लिए भी राशि दी जाएगी। उद्यान विकास के लिए महिला हितग्राहियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। "एक पेड़ मां के नाम" अभियान 1 जुलाई से 15 सितंबर तक चलाया जाएगा। इसमें पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय विकास, वन, उद्यानिकी सहित सभी विभाग सहभागिता करेंगे ।
मोहन कैबिनेट बैठक में इन प्रस्तावों को मंजूरी
मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना को मंजूरी। इस योजना में हर विधानसभा से एक गांव का चयन किया जाएगा। 2 हजार आबादी वाले के गांव का चयन होगा। इसके लिए हितग्राही के पास कम से कम 500 गौवंश होने चाहिए।आदर्श ग्राम की परिकल्पना को इस योजना के तहत साकार किया जाएगा। ये गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित होंगे। इन गांवों में आजीविका संबंधी गतिविधियां भी होंगी। पूरे गांव का हर स्तर पर विकास किया जाएगा जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए फैसले लिए जाएंगे।
मध्यप्रदेश के 1766 पुलों को सुधारा जाएगा। इस कार्य में 4572 करोड़ रुपए हो खर्च होंगे। प्रदेश के सभी पुलों का 5 साल में होगा निर्माण। इस कार्य के लिए राज्य सरकार के बजट से खर्च होगी राशि।
मऊगंज, मैहर और पांढुर्ना में अनुसूचित जाति-जनजाति कार्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए 3 करोड़ 81 लाख रुपए का फंड मंजूर किया गया है।
नए कानून (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) इसके प्रभारी क्रियान्वन के लिए 7 साल या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक एक्सपर्ट के अनिवार्य तथा आवश्यक भ्रमण हेतु कुल 1266 नए पदों के सृजन किए गए हैं।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को एक बड़ी उपलब्धि मिली है। भोपाल में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय गांधीनगर का कैंपस आरंभ करने की स्वीकृति मिल गई है। जब तक इसका भवन तैयार नहीं हो जाता है, तब तक इसका संचालन राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में किया जाएगा।
कैबिनेट बैठक में लिए गए ये भी फैसले
मध्यप्रदेश में 4 जुलाई को मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरण करने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द के उपार्जन के लिए किसानों का पंजीयन 6 जुलाई तक जारी है तथा उपार्जन 7 जुलाई से किया जाएगा।
रतलाम में 27 जून को ‘ RISE Conclave 2025 ‘ का सफल आयोजन हुआ है। इसमें ₹30402 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, इसके माध्यम से 35 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
नदियों के उद्गम स्थल पर रोपेंगे पौधे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की लगभग 100 नदियों के उद्गम स्थलों पर दस-दस एकड़ भूमि पर 42 करोड़ रुपए की लागत से पौधों का रोपण किया जाएगा। जिला विकास सलाहकार समिति का गठन मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी जिलों में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया जाना है। समिति में सांसद, विधायक, पंचायत तथा नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के साथ ही चिकित्सा, विधि, इंजीनियरिंग, समाज सेवा, कृषि, उद्यानिकी, डेयरी आदि क्षेत्रों के विशेषज्ञ और प्रख्यातजन शामिल होंगे।
3.51 लाख मैट्रिक टन मूंग, 1.23 लाख मैट्रिक टन उड़द उपार्जन लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि भारत सरकार ने एमएसपी पर मूंग उपार्जन के लिए 3.51 लाख मैट्रिक टन और उड़द उपार्जन के लिए 1.23 लाख मैट्रिक टन का लक्ष्य निर्धारित किया है। मूंग के लिए 30 जून तक 2 लाख 94 हजार किसानों और उड़द के लिए 11 हजार 495 किसानों का पंजीयन किया जा चुका है। पंजीयन के लिए 6 जुलाई तक तिथि निर्धारित है। मूंग और उड़द का उपार्जन 7 जुलाई से 6 अगस्त तक किया जाएगा।
85 हजार खेत तालाबों का निर्माण हुआ बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान के सफल आयोजन के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के अंतर्गत खेत का पानी खेत में संचित करने के उद्देश्य से प्रदेश में 85 हजार से अधिक खेत तालाबों का निर्माण किया है। भूजल संवर्धन के लिए 1 लाख से अधिक कुओं का पुनर्भरण किया। पानी की अमृत बूंद को सहेजने के लिए अमृत सरोवर 2.0 के तहत 1000 से अधिक नए अमृत सरोवरों का निर्माण प्रारंभ हुआ है। शहरी क्षेत्र में समाज की सहभागिता से 3300 से अधिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, 2200 नालों की सफाई और 4000 वर्षा जल संचयन संरचनाएं बनाई गईं।
इसके साथ ही 40 लाख से अधिक नागरिकों ने 5000 से अधिक ऐतिहासिक/धार्मिक जल स्रोतों (बावड़ी, मंदिर, तालाबों आदि) की सफाई और जीर्णोद्धार में भाग लिया। अभियान के अंतर्गत 2 लाख 30 हजार जलदूतों का पंजीकरण हुआ। नर्मदा परिक्रमा पथ और पंचक्रोशी यात्रा जैसे अन्य तीर्थ मार्गों का डिजिटलीकरण किया। अवरिल निर्मल नर्मदा योजना के तहत 5600 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण की योजना स्वीकृत कराकर कार्य आरंभ किया।
उन्होंने बताया कि वन क्षेत्रों में वन्यजीवों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 2500 से अधिक तालाब, स्टॉप डेम जैसी जल संग्रहण संरचनाओं का निर्माण किया। प्रदेश की 15 हजार से अधिक जल संरचनाओं और जल संग्रहण संरचनाओं को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का कार्य भी अभियान के अंतर्गत किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मानसून में रोपण के लिए 6 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं।
15 दिन बाद बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट बैठक 15 दिन बाद हुई है। पिछले मंगलवार को वाराणसी में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुई सुरक्षा व्यवस्था संबंधी बैठक के चलते कैबिनेट बैठक नहीं हो पाई थी।