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रायपुर
सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य में बढ़ते धर्म परिवर्तन, लव जिहाद और गौ हत्या के मामलों पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सख्त कानून बनाने की अपील की है.
अपने पत्र में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि धर्म हमारी संस्कृति का मूल है और गौ सेवा इसका अभिन्न हिस्सा है. हाल ही में धर्मांतरण और गौ तस्करी के मामलों ने राज्य की सनातन परंपराओं के लिए खतरा पैदा कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि धर्म परिवर्तन को विदेशी फंडिंग से बढ़ावा दिया जा रहा है, और इसे एक उद्योग की तरह संचालित किया जा रहा है. इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में गरीबों को लालच देकर धर्मांतरण कराया जा रहा है.
सांसद ने संविधान के अनुच्छेद 25(1) का हवाला देते हुए कहा कि हर नागरिक को धर्म की स्वतंत्रता प्राप्त है, लेकिन अनुच्छेद 25(2) के तहत राज्य को अवैध धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कठोर कानून बनाने का अधिकार प्राप्त है.
सांसद बृजमोहन के प्रमुख सुझाव:
धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम को सख्त बनाना:
गलत तरीके से धर्म परिवर्तन कर एससी/ओबीसी आरक्षण का लाभ लेने वालों को दंडित किया जाए.
धर्म परिवर्तन करने के इच्छुक व्यक्तियों को कलेक्टर के समक्ष 60 दिन पहले सूचना देना अनिवार्य किया जाए.
धर्मांतरण कराने वालों को भी कलेक्टर के समक्ष आवेदन देने की आवश्यकता हो.
बलात्कारी, अनुचित प्रभाव और प्रलोभन से धर्म परिवर्तन करने वालों के लिए कड़े दंड का प्रावधान हो.
गौ हत्या और गौ तस्करी के खिलाफ कड़ा कानून:
बीफ की बिक्री, परिवहन और भंडारण पर 1 से 10 वर्ष तक की सजा हो.
मवेशियों के अवैध परिवहन और बिक्री पर 7 वर्ष की सजा और अपराध के प्रयास पर 3 वर्ष की सजा का प्रावधान हो.
बृजमोहन अग्रवाल ने मांग की है कि इन कानूनों को विधानसभा सत्र में पारित किया जाए ताकि छत्तीसगढ़ में सनातन संस्कृति और परंपराओं की रक्षा की जा सके. उन्होंने कहा कि धर्मांतरण और गौ तस्करी जैसी कुरीतियों पर अंकुश लगाने के लिए कठोर कानून समय की मांग है.