भोपालमध्य प्रदेश

हबीबगंज नाका से मंडीदीप तक दौड़ेगी ‘मेट्रो ट्रेन’, बीच में होंगे 12 स्टेशन

भोपाल

 मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट का विस्तार किया जा रहा है। एम्स से करोद के बीच ओरेंज लाइन पर काम चल रहा है, जबकि भदभदा से रत्नागिरी तिराहा तक ब्ल्यू लाइन के लिए एजेंसियां तय कर दी गई हैं। अब तीसरे चरण में ब्राउन लाइन हबीबगंज नाका से मंडीदीप के बीच सर्वे शुरू किया गया है। इसमें कुल 12 स्टेशन होंगे।

 ये शहर को मंडीदीप से रेल नेटवर्क से जोड़ेगी। रायसेन जिला भी मंडीदीप के माध्यम से भोपाल से जुड़ जाएगा। इससे नर्मदापुरम क्षेत्र के एक नए औद्योगिक कॉरिडोर के तौर पर विकसित होने की उम्मीद बनेगी।

अभी यहां हो रहा मेट्रो का काम
-अभी मेट्रो की एम्स से करोद के बीच करीब 16 किमी की लाइन में से 6.22 किमी का काम लगभग पूरा है। जुलाई 2025 से इसमें कमर्शियल रन शुरू होगा।

-जिंसी से करोद के बीच पहली लाइन के दूसरे भाग का काम करने जमीनी सर्वे किया जा रहा है। 2027 तक ये तैयार होगी।

-भदभदा से रत्नागिरी तक करीब 13 किमी लंबाई में लाइन के लिए एजेंसी तय कर दी है। जमीनी काम इस साल शुरू करने की उम्मीद है।

एलिवेटेड कॉरिडोर पर ही मेट्रो का ट्रैक
मेट्रो रेल कारपोरेशन नेशनल हाइवे से इस नई लाइन के लिए चर्चा कर रहा है। बीयू से मिसरोद तक साढ़े पांच किमी लंबे एलिवेटेड लेन को ही इस तरह बनाया जाएगा कि इसपर ही मेट्रो की लाइन भी आ जाएगी। इससे जमीन पर अतिरिक्त निर्माण नहीं करना होगा। एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए इस साल काम शुरू कराने की योजना है।

थ्री टियर होगा यातायात
मेट्रो शहर के लिए अत्याधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट का मॉडल है। इसका लगातार विस्तार किया जा रहा है। सभी लाइनों को पूरा करने की प्लानिंग की जा रही है।

चैतन्य एस कृष्णा, एमडी मेट्रो रेल कारपोरेशन
मेट्रो की ब्राउन लाइन हबीबगंज नाका यानी वीर सावरकर ब्रिज के पास से शुरू होकर मिसरोद होते हुए मंडीदीप की ओर जाएगी। इसमें एम्प्री, बीयू, बाग सेवनियां बस स्टॉप, आशिमा मॉल, केपिटल मॉल, श्रीराम कॉलोनी, हरिगंगा नगर और फिर मंडीदीप रहेंगे। मौजूदा नर्मदापुरम रोड पर ही ये लाइन होगी। एम्स से डीआरएम जा रहे प्रायोरिटी कॉरिडोर से जुड़ेगी।

15 दिन में गणेश मंदिर आरओबी पार करेगी मेट्रो
मेट्रो ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत तय प्रायोरिटी कॉरिडोर में रानी कमलापति से एम्स तक करीब दो किमी में आपको अगले पंद्रह दिन बाद मेट्रो दौड़ती नजर आ सकती है। यहां इसका ट्रायल बाकी है। रानी कमलापति से एम्स तक ट्रैक समेत अन्य काम हो गए हैं। स्टेशन पर भी जरूरी पटरियों का काम भी हो गया। जुलाई तक कमर्शियल रन शुरू करना है, इसलिए यहां करीब 1000 किमी तक ट्रेन को चलाना होगा।

भोपाल मेट्रो कब चलेगी

मध्य प्रदेश की राजधानी में लोकल यात्रा को लेकर दुश्वारियां कुछ समय में खत्म होने वाली हैं। शहरवासियों को जल्द से जल्द मेट्रो की सवारी का लाभ मिलेगा। मेट्रो के पहले फेज में शहर को दो लाइनों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। डिपो और एम्स भोपाल के बीच ट्रायल रन जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है। साल 2025 के जुलाई तक भोपाल मेट्रो का व्यवसायिक संचालन शुरू हो जाएगा। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Madhya Pradesh Metro Rail Corporation Limited) ने कहा है कि 2025 तक 8 स्टेशनों (सुभाष नगर से एम्स) तक चालू करने की योजना बना रहे हैं। जिसकी लंबाई 7 किलोमीटर है। MPMRCL 6 लाइनों पर मेट्रो का प्लान है, जो अगले कुछ सालों में पूरा होगा।

2 रूट पर होंगे 28 स्टेशन

भोपाल मेट्रो को 2016 में राज्य सरकार की सैद्धांतिक मजूरी मिली थी। 2018 में कार्य शुरू होना था, लेकिन यह 2019 में शुरू हो तका। अब इसके पहले कॉरिडोर पर 2027 तक मेट्रो ट्रेन संचालित करने का लक्ष्य है। इस परियोजना के लिए 6941 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। भोपाल मेट्रो निर्माणधीन एक मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (एमआरटीएस) है। पहले चरण के तहत 2 लाइनों में 28 स्टेशनों का निर्माण कार्य जारी है, जबकि चार अन्य लाइनें प्रस्तावित हैं। इसके निर्माण की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कंपनी लिमिटेड (MPMRCL) इस परियोजना की प्रभारी है।

भोपाल मेट्रो परियोजना की लागत

भोपाल मेट्रो परियोजना की लागत 6941 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अनुमानित यात्रियों की संख्या 2.2 लाख प्रतिदिन (2027) तक आंकी गई है। प्रस्तावित कॉरिडोर की लंबाई – 77.13 किमी. है। स्वीकृत कॉरिडोर की लंबाई -21.65 किमी. है। प्रथम चरण स्टेशनों की संख्या दो रूटों पर 28 है। भोपाल मेट्रो की अधिकतम गति 90 किमी. प्रति घंटे रहेगी। हालांकि, औसत गति 32 किमी. प्रति घंटे होगी।

भोपाल मेट्रो में मिलेंगी ये सुविधाएं

भोपाल मेट्रो परियोजना के तहत स्टेशन ग्रीन प्रणाली पर आधारित बनाए जा रहे हैं। इनमें सौर ऊर्जा का अत्याधिक इस्तेमाल किया जाएगा। साथ ही 100 फीसदी एलईडी लाइटिंग, बिजली की बचत, पानी की बचत, वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट, सोलर हीटर का इस्तेमाल, पूरी तरह से इलेक्ट्रिन ट्रेनों की आवाजाही, प्लास्टिक फ्री, वेस्ट सेगरिगेशन, दिव्यांग फ्रेंडली सुविधाएं। एटीएम, फूड कोर्ट, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन समेत कई प्रकार की जरूरी और अहम सुविधाएं भी मिलेंगी। प्रत्यके स्टेशन पर ई-रिक्शा, पब्लिक बाइक शेयरिंग, पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बसें और पिकअप-ड्रॉप जैसी तमाम सुविधाएं रहेंगी। स्टेशनों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी, मेटल डिटेक्टर, फुटपाथ, एस्केलेटर, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन के आलावा दिव्यांगजनों और बुजुर्ग यात्रियों के लिए तमाम सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

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