भोपालमध्य प्रदेश

बिहार मॉडल पर मध्यप्रदेश में मखाना खेती, 4 जिलों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

भोपाल

बिहार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी मखाना की खेती होगी। प्रदेश के चार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा। 150 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 75 हजार प्रति हेक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इस योजना के तहत एमपी के 99 कृषकों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में मखाना खेती क्षेत्र विस्तार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है।

अब मध्य प्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती की जाएगी। राज्य सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और जल संसाधनों के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से चार जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में मखाना उत्पादन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत प्रदेश में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना खेती विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

मध्य प्रदेश के 4 जिलों से शुरुआत 

मध्य प्रदेश के चार जिलों से मखाने की खेती की शुरुआत होने वाली है, उद्यानिकी विभाग ने मखाना उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरु करने की योजना बनाई है. उद्यानिकी मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं, मंत्री का कहना है कि मखाना खेती से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी और प्रदेश में जल संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा, इसलिए इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है. 

कृषकों को सरकार की ओर से 75 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर या लागत का 40% तक अनुदान मिलेगा। फिलहाल इस योजना के अंतर्गत 99 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन कर चुके हैं।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि मध्यप्रदेश की जलवायु मखाना उत्पादन के लिए बेहद उपयुक्त है। बिहार में जिस तरह से मखाना खेती ने किसानों की आमदनी बढ़ाई है, उसी मॉडल को अब मध्यप्रदेश में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मखाना उत्पादन छोटे तालाबों और जलाशयों में सिंघाड़े की तरह किया जा सकता है, जिससे जल संसाधनों का अधिकतम उपयोग होगा।

मंत्री कुशवाह ने किसानों से इस योजना से जुड़ने की अपील करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा मखाना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड का गठन भी किया गया है। मध्यप्रदेश इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।

आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अरविंद दुबे ने बताया कि परियोजना पर लगभग 45 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन के साथ-साथ बीज, प्रशिक्षण और प्रसंस्करण सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। मखाने की देश और विदेश (अरब देशों व यूरोप) में उच्च मांग को देखते हुए यह योजना प्रदेश के किसानों के लिए नए अवसर लेकर आ सकती है।

किसानों को अनुदान भी मिलेगा

मखाना खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को 75 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर या कुल लागत का 40 प्रतिशत तक अनुदान भी सरकार की तरफ से दिया जाएगा. इससे किसानों को नई फसल को अपनाने में मदद मिलेगी, बता दें कि मखाने का उत्पादन सिंघाड़े की तरह छोटे-छोटे तालाबों में किया जाता है, इसी को ध्यान में रखते हुए चारों जिलों में लगभग 150 हेक्टेयर क्षेत्र में मखाना उत्पादन विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना पर करीब 45 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. जिसके लिए सरकार की तरफ से उद्यानिकी विभाग को बजट भी मिलेगा. 

किसानों से लिए जा रहे आवेदन 

योजना की शुरुआत के बाद प्रदेश के 99 किसानों ने ऑनलाइन आवेदन किया है, विभाग का कहना है कि सफल पायलट प्रोजेक्ट के बाद इसे प्रदेश के अन्य जिलों में भी विस्तारित किया जाएगा. सरकार को उम्मीद है कि मखाना खेती प्रदेश के किसानों के लिए एक नई आजीविका का स्रोत बनेगी और इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.  

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button