सिर्फ 60 सेकंड में जानें दिल की सेहत, घर बैठे मिल जाएगा सटीक संकेत

दिल की सेहत की समय-समय पर जांच करना बेहद जरूरी है, ताकि अगर कोई परेशानी हो, तो वक्त पर उसका इलाज करवाया जा सके। अपने दिल का हाल जानने के लिए आप घर पर खुद से एक छोटा-सा टेस्ट कर सकते हैं। इसे स्टेयर क्लाइंबिंग टेस्ट कहते हैं।
जी हां, एक साधारण-सा एक मिनट का टेस्ट आपकी हार्ट हेल्थ के बारे में काफी कुछ बता सकता है। आइए जानें कि यह टेस्ट कैसे करना है और इसके रिजल्ट आपके दिल के बारे में क्या बताते हैं।
यह टेस्ट क्या है?
एक रिसर्च में इस टेस्ट को हार्ट हेल्थ जांचने का एक विश्वसनीय तरीका माना गया है। इस टेस्ट का मकसद यह पता लगाना है कि आप एक मिनट में कितनी जल्दी चार मंजिल की सीढ़ियां चढ़ पाते हैं।
टेस्ट कैसे करें?
सबसे पहले एक चार मंजिल की सीढ़ी ढूंढें। सुनिश्चित करें कि सीढ़ियां सूखी और साफ हों ताकि फिसलने का खतरा न रहे। आरामदायक कपड़े और जूते पहनें।
बिल्कुल रिलैक्स पोजिशन में शुरुआत करें। जोर-जोर से सांस न लें या दौड़ न लगाएं। बस अपनी सामान्य गति से सीढ़ियां चढ़ना शुरू करें।
जैसे ही आप पहला कदम चढ़ें, एक स्टॉपवॉच या फोन में टाइमर शुरू कर दें।
लगातार और बिना रुके 60 सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करें।
चौथी मंजिल पर पहुंचने में लगे समय को नोट कर लें।
अब जानें, आपका परिणाम क्या कहता है?
स्टडी के अनुसार, यदि आप 60 सीढ़ियां चढ़ने में 40-45 सेकंड से कम का समय लेते हैं और सांस फूलने या सीने में दर्द जैसी कोई तकलीफ नहीं होती, तो यह संकेत है कि आपका दिल स्वस्थ है और आपकी फिटनेस का स्तर अच्छा है। इसका मतलब है कि आपका दिल शारीरिक गतिविधि के दौरान शरीर को जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचाने में सक्षम है।
वहीं, अगर आपको इस टेस्ट को पूरा करने में एक मिनट से ज्यादा समय लगता है या फिर चढ़ाई के दौरान आपकी सांस बहुत ज्यादा फूलने लगती है, सीने में भारीपन या दर्द महसूस होता है, चक्कर आते हैं, या आपको बीच में ही रुकना पड़ जाता है, तो यह दिल की कमजोरी का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।
क्यों काम करता है ये टेस्ट?
सीढ़ियां चढ़ना एक तरह की एरोबिक एक्सरसाइज है। इसमें शरीर को ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इस डिमांड को पूरा करने के लिए हमारा दिल तेजी से धड़कता है और फेफड़े ज्यादा ऑक्सीजन लेने का काम करते हैं। अगर दिल स्वस्थ है, तो वह इस चुनौती को आसानी से हैंडल कर लेता है। लेकिन अगर दिल कमजोर है या उसमें कोई समस्या है, तो वह शरीर की मांग के अनुसार खून की सप्लाई नहीं कर पाता, जिसके कारण सांस फूलना, थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
सावधानियां और सीमाएं
यह टेस्ट केवल एक शुरुआती जांच है, यह किसी मेडिकल टेस्ट का विकल्प नहीं है।
अगर आपको पहले से ही दिल की बीमारी, हाई ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दर्द या सांस की गंभीर बीमारी है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के यह टेस्ट न करें।
टेस्ट के दौरान अगर चक्कर आएं, सीने में तेज दर्द हो या बहुत ज्यादा परेशानी हो, तो तुरंत रुक जाएं और आराम करें।



