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इस्लाम, ईसाइयत नहीं, सबसे ऊपर…; 15 अगस्त के भाषण में क्या बोले बाबा रामदेव

 हरिद्वार

बाबा रामदेव ने 15 अगस्त पर पतंजलि योगपीठ में आजादी का उत्सव मनाया। योगगुरु ने आचार्य बालकृष्ण के साथ तिरंगा फहराया। इसके बाद उन्होंने कहा कि कोई धर्म को सबसे ऊपर बताया है तो कोई जाति को लेकिन राष्ट्र धर्म सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि पतंजलि योगपीठ सांस्कृतिक आजादी के लिए काम कर रहा है।

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा, 'कुछ लोग इस्लाम को सर्वोपरि बताते हैं, कुछ ईसायत को सर्वोपरि कहते हैं। कोई कह रहा है मुसलमान सर्वोपरि हैं। कोई कह रहा है फैलाना धर्म सर्वोपरि है, फलाना जाति सर्वोपरि है। हमारा कहना है कि राष्ट्र धर्म सर्वोपरि है, राष्ट्रप्रेम सर्वोपरि है, राष्ट्रहित सर्वोपरि है। इस विचार को लेकर पतंजलि आगे बढ़ रही है।' हालांकि, इसके बाद वहां मौजूद पत्रकारों ने उनसे मणिपुर पर भी कुछ बोलने का आग्रह किया। योगगुरु ने किसी टिप्पणी से इनकार करते हुए अपना भाषण समाप्त कर दिया।

योग गुरु बाबा रामदेव ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष में पतंजलि योग पीठ में झंडा रोहण किया। इस दौरान आचार्य बालकृष्ण, पतंजलि के संन्यासी, बड़ी संख्या में कर्मचारी और विद्यार्थी शामिल रहे। इस दौरान पतंजलि के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को आर्थिक आजादी, शिक्षा आजादी, चिकित्सा आजादी और संस्कृतिक आजादी दिलाने  का पतंजलि योगपीठ ने संकल्प लिया है। शिक्षा की आजादी के लिए भारतीय शिक्षा बोर्ड, पतंजलि गुरुकुलम, पतंजलि आचार्य कुलम कार्य करेंगे।

उन्होंने कहा कि चिकित्सा की आजादी के लिए पतंजलि का संपूर्ण स्वदेशी अभियान समर्पित है। आर्थिक आजादी के लिए स्वदेशी अभियान को बड़ा किया जाएगा। स्वदेशी अभियान इतना बड़ा होगा कि देश से विदेशी कंपनियों की आर्थिक लूट और गुलामी का षड्यंत्र खत्म होगा। साथ ही सनातन की संस्कृति गौरव बहुत वैभव को लेकर आगे बढ़ा जाएगा।

 

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