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भारत ने यूएनएचआरसी में पाकिस्तान पर हमला बोला, उसे ‘दुनिया की आतंकवाद फैक्टरी’ करार दिया

भारत ने यूएनएचआरसी में पाकिस्तान पर हमला बोला, उसे 'दुनिया की आतंकवाद फैक्टरी' करार दिया

मुख्यमंत्री के रूप में मरयम नवाज का चयन पाकिस्तान की राजनीति में 'मील का पत्थर ' : अमेरिका

भारत-अमेरिका के संबंध उतने महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, जितना हम चाहते हैं : उपराजदूत रंगनाथन

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा,
 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि उसे अपने बेहद खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।

भारत ने कहा कि पाकिस्तान की वैश्विक पहचान ''दुनिया की आतंकवाद फैक्टरी' के रूप में बन गई है।

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में अवर सचिव जगप्रीत कौर ने सोमवार को यूएनएचआरसी के 55वें नियमित सत्र में सामान्य बहस में देश के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग किया।

इससे पहले पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की ओर से बोलते हुए अपने बयान में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया था।

कौर ने कहा, ''हमने इस सत्र के दौरान पूर्व में मंच संभाला था और एक विशेष प्रतिनिधिमंडल द्वारा भारत के बारे में गलत टिप्पणियों का जवाब देने में परिषद का समय बर्बाद करने के प्रति अपनी अनिच्छा से अवगत कराया था। यह प्रतिनिधिमंडल ऐसा इसलिए करता है क्योंकि उसके पास योगदान देने के लिए कुछ भी रचनात्मक नहीं है।''

पाकिस्तान का नाम लिए बिना, कौर ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ''यह देश भारत की आलोचना जारी रखता है, जिसमें अपने स्वयं के राजनीतिक रूप से प्रेरित एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ओआईसी के मंच का दुरुपयोग करना भी शामिल है।''

उन्होंने कहा, ''हम ऐसी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देकर इनको बढ़ावा देना नहीं चाहते और केवल उस प्रतिनिधिमंडल से अपने स्वयं के बेहद खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड और दुनिया की आतंकवाद फैक्टरी के रूप में उनकी वैश्विक पहचान पर आत्मनिरीक्षण करने का आग्रह करने के लिए फिर से इस मंच का सहारा ले रहे हैं।''

 

मुख्यमंत्री के रूप में मरयम नवाज का चयन पाकिस्तान की राजनीति में 'मील का पत्थर ' : अमेरिका

वाशिंगटन
अमेरिका का कहना है कि पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री के रूप में मरयम नवाज का चयन पाकिस्तान की राजनीति में एक 'मील का पत्थर' है।

अमेरिका ने कहा कि वह पाकिस्तान की राजनीति में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी के लिए इस्लामाबाद के साथ सहयोग करने को तत्पर है।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की 50 वर्षीय बेटी मरयम ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान के सबसे अधिक आबादी वाले और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।

विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने सोमवार को अपनी दैनिक प्रेसवार्ता में कहा, ''मुख्यमंत्री के रूप में उनका (मरयम नवाज शरीफ का) चयन पाकिस्तान की राजनीति में एक मील का पत्थर है।''

मरयम को तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री 74 वर्षीय नवाज शरीफ का राजनीतिक उत्तराधिकारी माना जाता है।

मिलर ने कहा, ''हम देश के राजनीतिक क्षेत्र, अर्थव्यवस्था में महिलाओं को पूरी तरह से एकीकृत करने के लिए पाकिस्तान के साथ व्यापक रूप से सहयोग करने के लिए तत्पर हैं।'' हालांकि, उन्होंने नए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निर्वाचन पर टिप्पणी करने से परहेज किया।

 

भारत-अमेरिका के संबंध उतने महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, जितना हम चाहते हैं : उपराजदूत रंगनाथन

वाशिंगटन
अमेरिका में भारत की उपराजदूत श्रीप्रिया रंगनाथन ने कहा कि पिछले 20 वर्ष में अच्छी-खासी प्रगति करने वाले दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के बीच संबंध उतने ही महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, जितना ''हम बनना चाहते हैं।''

शीर्ष भारतीय राजनयिक ने कहा, ''जब मैं भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की ओर देखती हूं तो मुझे लगता है कि हम अब उस स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम कह सकते हैं कि साझेदारी खुद बन गयी है। हमने गत 70 वर्षों में काफी कुछ हासिल किया है। लेकिन पिछले 20 वर्षों में हमने जो हासिल किया है वह अपने आप में अलग स्तर का है। और मैं कहूंगी कि अब हम उस स्तर पर हैं जहां हम उतने ही महत्वाकांक्षी हो सकते हैं जितना कि हम बनना चाहते हैं।''

वह मोटवानी जडेजा फाउंडेशन के साथ मिलकर स्टैनफोर्ड इंडिया पॉलिसी एंड इकोनॉमिक्स क्लब (एसआईपीईसी) द्वारा आयोजित 'लीडर्स ऑफ टूमारो कॉन्फ्रेंस' को संबोधित कर रही थीं।

रंगनाथन ने कहा, ''हम अपने लक्ष्य निर्धारित करने का निर्णय ले सकते हैं, उन लक्ष्यों पर अपनी नजरें जमा सकते हैं जिनकी कुछ साल पहले तक कल्पना भी नहीं की जा सकती थी, और हम ऐसा कर सकते हैं। हम न केवल महत्वाकांक्षी हो सकते हैं, बल्कि हम आश्वस्त भी हो सकते हैं कि हम इन चीजों को साकार कर सकते हैं, हम उन विचारों को कार्यान्वयन में ला सकते हैं जो 20 साल पहले भी विचित्र लगते थे।''

अंतरिक्ष और उभरती एवं अहम प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में भारत-अमेरिका संबंध का उदाहरण देते हुए रंगनाथन ने कहा कि दोनों देशों के वैज्ञानिक और नीतियां सक्रिय रूप से कार्यरत हैं क्योंकि ''हम इन्हें भविष्य में अग्रिम मोर्चे पर देखते हैं और इससे हमें आने वाले कुछ दशकों में वैश्विक अर्थव्यवस्था को आकार देने में नेतृत्व की भूमिका बढ़ाने में मदद मिलेगी।''

शीर्ष भारतीय राजनयिक ने छात्रों खासतौर से स्टैनफोर्ड में भारत के और भारतीय मूल के छात्रों से भारत से जुड़े रहने का अनुरोध किया।

सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्य दूत श्रीकर रेड्डी ने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों से कहा कि इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने के बाद उनमें से ज्यादातर न केवल यहां समृद्धि लाएंगे बल्कि भारत वापस जाकर समग्र भारतीय विकास का हिस्सा भी बनेंगे।

 

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