जबलपुरमध्य प्रदेश

जबलपुर में कलेक्टर ने निजी स्कूलों के साथ ऐसा प्लान बनाया है कि अब अभिभावकों की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा

जबलपुर
अगर आपको नवीन शिक्षा सत्र में अपने बच्चों की यूनिफार्म और स्कूली किताबों के खर्चे की चिंता सता रही है तो यह खबर आपके लिए काफी लाभप्रद है. मध्य प्रदेश के जबलपुर में कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने निजी स्कूलों के साथ ऐसा प्लान बनाया है कि अब अभिभावकों की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा. जबलपुर में पुस्तक मेला लगने जा रहा है, जिसमें 500 करोड़ का व्यापार होने की संभावना है.

जबलपुर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म खरीदने और स्कूल का कोर्स लेने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कई बार अधिक दरों पर किताबें और यूनिफॉर्म बेचे जाने की शिकायत भी मिलती हैं. इस समस्या का स्थाई निदान करने के लिए जबलपुर जिला प्रशासन ने एक अनूठी पहल की है.

प्रशासन ने निजी स्कूल संचालकों से बातचीत करते हुए एक ही स्थान पर सभी विद्यालय की यूनिफार्म और स्कूल की किताबें उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है. 22 मार्च से जबलपुर में पुस्तक मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें सभी निजी विद्यालयों की किताबें और यूनिफॉर्म रियायती दर पर उपलब्ध कराई जाएंगी. स्कूल संचालकों में भी इस बात की सहमति दी है. पुस्तक मेले में उनकी सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी.

जबलपुर में 350 करोड़ का व्यापार
कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने बताया कि स्कूली किताबें और यूनिफॉर्म से जुड़ा व्यापार काफी बड़ा है. यदि केवल जबलपुर जिले की बात की जाए तो 350 करोड़ का व्यापार हर साल होता है. इसके बाद यदि आसपास के जिलों को भी इसमें जोड़ लिया जाए तो उम्मीद की जा रही है कि 20 मार्च 2025 से लगने वाले मेले में 500 करोड़ का व्यापार होगा.

जबलपुर में शिक्षा माफिया पर लगी लगाम
दीपक कुमार सक्सेना ने जबलपुर में शिक्षा माफिया पर पूरी तरह लगाम कस रखी है. उनकी ओर से अधिक फीस लेने वाले स्कूल संचालकों पर भी करोड़ों रुपये का जुर्माना किया जा चुका है. इसके अलावा शिक्षा विभाग के नियमों का पालन नहीं करने पर भी स्कूल संचालकों को काफी जुर्माना किया जा चुका है. इससे जिला भर के लोगों को काफी लाभ मिला है.

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