खेल

मुझे नेतृत्व करना अच्छा लगता है, मैंने अलग-अलग कप्तानों से काफी कुछ सीखा है: सूर्यकुमार

पालेकल (श्रीलंका)
भारतीय टी20 टीम के नवनियुक्त कप्तान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि उन्होंने मैदान पर नेतृत्व करने का पूरा लुत्फ उठाया है तथा पिछले कई वर्षों में अलग-अलग कप्तानों की अगुवाई में खेलते हुए उन्होंने काफी कुछ सीखा है। भारतीय टीम के विश्व चैंपियन बनने के बाद रोहित शर्मा ने सबसे छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया था। इसके बाद उनकी जगह सूर्यकुमार को कप्तान ने किया गया। उन्हें हार्दिक पंड्या पर प्राथमिकता दी गई जिन्हें पहले टी20 टीम की कप्तानी का दावेदार माना जा रहा था। सूर्यकुमार कप्तान के रूप में अपनी शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ शनिवार से यहां शुरू होने वाली तीन मैच की टी20 श्रृंखला से करेंगे।

मध्यक्रम के इस बल्लेबाज ने बीसीसीआई टीवी से कहां, ‘‘भले ही मैं कप्तान नहीं था लेकिन मैंने हमेशा मैदान पर नेतृत्वकर्ता की भूमिका का लुत्फ उठाया है। मैंने हमेशा अलग-अलग कप्तानों से काफी कुछ सीखा है। यह अच्छा एहसास और बड़ी जिम्मेदारी है।’’नए कप्तान सूर्यकुमार और नए मुख्य कोच गौतम गंभीर की मौजूदगी में भारतीय टी20 टीम नए दौर की शुरुआत करेगी। सूर्यकुमार कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) की तरफ से 2014 में गंभीर की अगुवाई में इंडियन प्रीमियर लीग में खेल चुके हैं और इन दोनों के आपस में काफी अच्छे संबंध हैं।

सूर्यकुमार ने कहा, ‘‘यह रिश्ता काफी खास है क्योंकि मैं 2014 में केकेआर की तरफ से उनके नेतृत्व में खेल चुका हूं। यह विशेष था क्योंकि वहीं से मुझे मौके मिले थे। हमारा रिश्ता अब भी मजबूत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वह (गंभीर) जानते हैं कि मैं कैसे काम करता हूं और जब मैं अभ्यास सत्र में आता हूं तो मेरी मानसिकता क्या होती है। मैं यह भी जानता हूं कि वह कोच के रूप में कैसे काम करने की कोशिश करते हैं। यह सब हमारे बीच के प्यारे रिश्ते से जुड़ा है और मैं यह देखने के लिए बेहद उत्साहित हूं कि यह कैसे आगे बढ़ता है।’’ सूर्यकुमार ने कहा कि एक कप्तान के रूप में वह विनम्र बने रहना चाहते हैं क्योंकि वह क्रिकेट को सिर्फ एक खेल के रूप में देखते हैं, न कि जीवन के रूप में।

मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘इस खेल से मैंने जो सबसे महत्वपूर्ण बात सीखी है वह यह है कि आप कुछ हासिल करने के बाद या अच्छा प्रदर्शन न करने के बाद भी कितने विनम्र रहते हैं। मैंने सीखा है कि आप मैदान पर जो कुछ करते हैं आपको उसे वहीं छोड़ देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह आपकी जिंदगी नहीं है, यह आपकी जिंदगी का एक हिस्सा है। जिंदगी में संतुलन बनाना जरूरी होता है। अगर आप अच्छे इंसान हैं, तो सब कुछ अच्छा होता है।’’

 

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