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HP की टेक इंडस्ट्री में बड़ा झटका: 6,000 कर्मचारियों को मिल सकता है बाहर का रास्ता

मुंबई 
HP ने घोषणा की है कि वह आने वाले वर्षों में अपनी वैश्विक वर्कफोर्स में 4,000 से 6,000 तक कर्मचारियों की कटौती करेगी. यह कुल कर्मचारियों का लगभग 10 प्रतिशत हिस्सा है. कंपनी ने बताया कि यह लंबी अवधि की रीस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया है, जो वित्त वर्ष 2028 तक चलेगी. इस कदम के पीछे दो बड़ी वजहें हैं- कमजोर डिमांड और बढ़ती मेमोरी की कीमतें, जिससे कंपनी की कमाई दबाव में आ गई है.

कमाई में गिरावट से बढ़ी मुश्किलें
HP ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में बताया कि उसकी रेवेन्यू 4 प्रतिशत बढ़कर 14.65 बिलियन डॉलर तक पहुंची है और नेट इनकम भी बढ़कर 795 मिलियन डॉलर हुई है. हालांकि, इन मजबूत आंकड़ों के बावजूद कंपनी की नई गाइडेंस वॉल स्ट्रीट की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरी. वित्त वर्ष 2026 के लिए HP ने प्रति शेयर कमाई 2.90 से 3.20 डॉलर रहने का अनुमान दिया है, जबकि बाजार 3.33 डॉलर की उम्मीद कर रहा था. कंपनी ने कहा कि अमेरिका की नई ट्रेड रेगुलेशंस के चलते ऑपरेटिंग कॉस्ट बढ़ गई है और इसका सीधा असर प्रॉफिट पर पड़ रहा है.

पीसी बिजनेस में बढ़त, प्रिंटिंग बिजनेस कमजो
HP का पर्सनल सिस्टम्स डिविजन, जिसमें पीसी बिजनेस शामिल है, 8 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 10.35 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. यह अनुमान से काफी बेहतर रहा. इसके विपरीत, प्रिंटिंग सेगमेंट में गिरावट दर्ज की गई और यह 4 प्रतिशत घटकर 4.3 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. कंपनी का कहना है कि प्रिंटर अपग्रेड करने की मांग कमजोर हो गई है और बाजार में कीमतों की भारी प्रतिस्पर्धा से दबाव बना हुआ है.

रीस्ट्रक्चरिंग से होंगे बड़े बदलाव
HP का मानना है कि यह रीस्ट्रक्चरिंग प्लान आने वाले वर्षों में कंपनी को सालाना कम से कम 1 बिलियन डॉलर बचाने में मदद करेगा. हालांकि, इस प्रक्रिया के दौरान कंपनी को लगभग 650 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च उठाना होगा, जिसमें 250 मिलियन डॉलर का भार सिर्फ 2026 में पड़ेगा. कंपनी पहले भी 2022 में इसी तरह के हेडकाउंट रिडक्शन कर चुकी है.

AI पर फोकस और बढ़ती लागत की चुनौती
HP के सीईओ एनरिके लोरेस ने कहा कि आने वाले समय में AI कंपनी के लिए बड़ी प्राथमिकता बनी रहेगी. कंपनी अपने सभी उत्पादों और वर्कफ्लो में AI को शामिल करने की दिशा में निवेश बढ़ा रही है. लेकिन चुनौती यह है कि कंपोनेंट्स की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. केवल मेमोरी का खर्च अब एक सामान्य पीसी की कुल लागत का 18 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, और यह कीमतें हाल के हफ्तों में और तेजी से बढ़ी हैं.

Windows 10 रिटायरमेंट से HP को उम्मीद
लोरेस ने यह भी बताया कि माइक्रोसॉफ्ट द्वारा Windows 10 को रिटायर किए जाने से पीसी अपग्रेड की मांग बढ़ सकती है. अभी तक HP के लगभग 60 प्रतिशत यूजर्स Windows 11 में शिफ्ट हो चुके हैं. कंपनी का मानना है कि आने वाले महीनों में यह बदलाव बिक्री को बढ़ा सकता है.

स्टॉक में बड़ी गिरावट
हालांकि कंपनी उम्मीद कर रही है कि आने वाला समय बेहतर हो सकता है, लेकिन फिलहाल HP के शेयर इस साल 25 प्रतिशत तक गिरे हैं. वहीं, S&P 500 में 15 प्रतिशत की बढ़त हुई है, यानी HP मार्केट की औसत परफॉर्मेंस से काफी पीछे रह गया है. 

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