गोपाल भार्गव बने प्रदेश के प्रोटेम स्पीकर, विधानसभा का शीतकालीन सत्र 18 दिसंबर से
भोपाल
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार सुबह राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राजभवन में बीजेपी विधायक गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ दिलाई. अब संसदीय कार्य विभाग विधानसभा सत्र बुलाने के लिए विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखेगा. अनुमति मिलते ही विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया जाएगा. इसके बाद प्रोटेम स्पीकर विधायकों को 16वीं विधानसभा की सदस्यता की शपथ दिलाएंगे. सत्ता पक्ष दिमनी सीट से चुनकर आए नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) पद पर चयन करने का प्रस्ताव सदन में रखेगा. वहीं, सदन को स्पीकर मिलने के बाद प्रोटेम स्पीकर की भूमिका समाप्त हो जाएगी.
प्रोटेम स्पीकर गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली सीट से 9वीं बार चुनकर विधानसभा पहुंचे हैं. बीजेपी के वरिष्ठ नेता भार्गव साल 1985 से लगातार जीतकर विधानसभा पहुंच रहे हैं. 2003 में उमा भारती की सरकार में भार्गव को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. इसके बाद से बीजेपी सरकार में रहली विधायक गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री बने रहे.
वहीं, 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर गोपाल भार्गव को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था. हालांकि, 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बीजेपी की सरकार बनी और भागर्व ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. वह शिवराज सिंह चौहान की पिछली सरकार में लोक निर्माण विभाग, कुटीर और ग्रामोद्योग मंत्री थे.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश विधानसभा में वरिष्ठ नेता एवं नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य गोपाल भार्गव को प्रोटेम स्पीकर बनाए जाने पर बधाई और शुभकामनाएं दीं.
कौन हैं गोपाल भार्गव
गोपाल भार्गव सागर जिले की रहली विधानसभा सीट से लगातार नौवीं बार विधायक निर्वाचित हुए हैं। गोपाल भार्गव शिवराज कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में जिम्मेदारी निभा चुके हैं। गोपाल भार्गव हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे। गोपाल भार्गव का नाम भी सीएम पद की रेस में माना जा रहा था, लेकिन प्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव बनाए गए हैं।
ऐसे हुआ चयन
विधानसभा सचिवालय ने 16वीं विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष के लिए वरिष्ठता के आधार पर सदस्यों की सूची मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव को भेजी थी। उन्होंने सीनियरिटी के आधार पर नौंवीं बार के विधायक गोपाल भार्गव का नाम भेजा था। अब प्रोटेम स्पीकर के तौर पर गोपाल भार्गव ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद अब गोपाल भार्गव नव निर्वाचित विधायकों को सदस्यता दिलाएंगे। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। गौरतलब है कि भाजपा की ओर से मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का नाम तय किया गया है। दलीय स्थिति को देखते हुए भाजपा के 163 सदस्य हैं, इसलिए चुनाव की स्थिति ही नहीं आएगी। नरेंद्र सिंह तोमर का निर्वाचन निर्विरोध होना तय है।
कौन होता है प्रोटेम स्पीकर
- -प्रोटेम स्पीकर किसी सीनियर विधायक को बनाया जाता है। उसे सदन चलाने के लिए महत्वपूर्ण नियमों का ज्ञान होना चाहिए।
- -विधायक की छवि एक साफ-सुथरे ईमानदार सदस्य की होना चाहिए।
- -प्रोटेम स्पीकर के पास स्थाई स्पीकर जैसे अधिकार नहीं होते।
- -सदन को भंग करने जैसे अति-महत्वपूर्ण निर्णय प्रोटेम स्पीकर की ओर से नहीं लिए जा सकते।
- -ये प्रोटेम स्पीकर पर निर्भर करता है कि वो बहुमत साबित करने के लिए वोटिंग में कौन से तरीकों का इस्तेमाल करे।
रामेश्वर शर्मा भी बने थे प्रोटेम स्पीकर
इससे पहले जगदीश देवड़ा प्रोटेम स्पीकर बनाए गए थे और उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था, तब भोपाल जिले की हुजूर विधानसभा सीट से रामेश्वर शर्मा को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था।