भगवान और भक्त की इस मंदिर की साथ में होती है पूजा
हिंदू धर्म में मान्यताओं के अनुसार देवों के देव महादेव को सब देवों में विशेष माना गया है. वहीं पूर्णिया शहर के बीचो-बीच लाइन बाजार जाने वाली सड़क के बगल में भूतनाथ चौक है. यहां बाबा भूतनाथ का मंदिर है. जो सदियों पुराना है. यहां भगवान के साथ भक्तों की भी पूजा होती है. मंदिर के पंडित कहते हैं कि यह मंदिर वर्षों पुराना है. इस मंदिर का इतिहास भोलेनाथ के भक्त बाबा हट्टीनाथ से जुड़ा है. यहां पर उनकी भी पूजा होती है.
1983 में मृत्यु हो जाने के बाद मंदिर परिसर में बना स्मारक
जानकारी देते हुए भूतनाथ मंदिर के पंडित कहते हैं कि यह मंदिर वर्षों पुराना है. हट्टी नाथ बाबा जो भगवान भोलेनाथ के परम भक्त थे. उन्होंने अपनी भक्ति से भगवान भूतनाथ भोले बाबा की स्थापना की. इसके बाद सब लोगों ने पूजा पाठ शुरू कर दिया.
हालांकि 1983 में उनकी मृत्यु हो जाने के बाद उनके स्मारक को भी इसी मंदिर परिसर में बना दिया गया. इसके बाद मंदिर के पुजारी एवं अन्य लोग भी आकर वहां भगवान भूतनाथ भोलेनाथ का पूजा पाठ करते ही हैं. साथ ही साथ उनके परम भक्त हट्टीनाथ बाबा के स्मारक पर भी जलाभिषेक कर पूजा पाठ करते हैं.
यहां का कुआं कभी नहीं सूखता
पंडित जी कहते हैं यह मंदिर के अंदर एक कुआं भी है जो कभी नहीं सूखता है. इस कुआं का पानी कई लोग कई काम के लिए तो ले ही जाते हैं .साथ ही साथ इस मंदिर में भगवान भूतनाथ को भी इसी कुएं का जल अर्पण किया जाता है. जिस कारण इस मंदिर की विशेष मान्यताएं हैं. ग्रंथों में कुएं के पानी को गंगाजल की श्रेणी दी गई. जिस कारण लोग कुएं का जल चढ़ाते हैं. वहीं इस मंदिर में आने वाले सभी लोगों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है.