राशि देने के 9 साल बाद भी कैंसर इंस्टीट्यूट में उपकरण नहीं, हाईकोर्ट ने अधिकारियों को किया तलब

जबलपुर
मध्यप्रदेश में 9 साल बाद भी स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए उपकरण खरीदी नहीं होने पर हाईकोर्ट ने सख्त रवैया अपनाया है। हाईकोर्ट ने तुरंत टेंडर जारी कर कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए उपकरण खरीदी के निर्देश दिए हैं। शासन की ओर से 6 मई को टेंडर खोलने की अंडरटेकिंग दी गई है। मेडिकल एजुकेशन विभाग के प्रमुख सचिव और मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य सेवा निगम के एमडी कोर्ट में हाजिर हुए। पिछली सुनवाई में हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य सेवा निगम के एमडी और चिकित्सा शिक्षा प्रमुख सचिव को तलब किया था।
बता दें कि 84 करोड रुपए मिलने के बाद भी 9 साल में जबलपुर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में उपकरण नहीं आ पाए है। तीन बार टेंडर बुलाकर निरस्त कर दिया गया था। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बैंच में सुनवाई हुई हैं। अब 13 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी।
जबलपुर निवासी एडवोकेट विकास महावर ने मामले में याचिका लगाई है। याचिका में जबलपुर स्थित स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में पर्याप्त साधन नहीं होने की बात कही है। याचिका में कहा गया उपकरण के अभाव में पीड़ितों को पर्याप्त इलाज नहीं मिल पा रहा है। खरीदी के लिए 84 करोड़ रुपए मिलने के बाद खरीदी नहीं की गई। उपकरण खरीदी के लिए साल 2016 में 84 करोड़ रुपए मिले थे।
पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया था कि तकनीकि कारण से दो-तीन बार टेंडर प्रक्रिया को निरस्त किया गया है। उपकरण खरीदी मप्र लोक सेवा स्वास्थ्य निगम के द्वारा की जानी है। युगलपीठ ने मप्र लोक सेवा स्वास्थ्य निगम के एमडी को अनावेदक बनाने के निर्देश याचिकाकर्ता को दिए थे। टेंडर किन कारणों से निरस्त किये गये थे, इस संबंध में जानकारी प्रदान करने लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मप्र लोक सेवा स्वास्थ्य निगम के एमडी को युगलपीठ ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया गया था।
याचिका की सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर युगलपीठ को बताया कि पूर्व में जारी टेंडर में एक-दो प्रतिभागी ने हिस्सा लिया था। जिसके कारण उन्हें निरस्त किया गया है। तकनीकी बोली 29 अप्रैल को खोली जानी है, जिसमें जबलपुर केन्द्र के लिए उपकरण एवं मशीन भी जोड़ दी गई है। लोक स्वास्थ्य सेवा निगम के प्रबंध निदेशक की तरफ से बताया गया कि टेंडर 6 मई को खोलना संभव हो पाएगा। युगल पीठ ने सुनवाई के बाद अपने आदेश में उक्त बोली में अंतिम निर्णय लेने के आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई 13 मई को निर्धारित की गई है।