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नेगेटिविटी और स्ट्रेस बढ़ाता है खाली पेट

मुंबई

भूख हमारे दिमाग पर कई तरह से असर कर सकती है। रिसर्च में पता चला है कि भूख से हमारी भावनाओं और दिमाग पर भले ही कम समय के लिए लेकिन, बुरा असर पड़ता है। भूख को नकारात्मक भावनाओं और खराब मूड का एक विश्वसनीय कारण माना जा सकता है। भावनाएं हमारे सोचने के तरीके पर गंभीर असर डाल सकती हैं। खासकर जब हम उन्हें समझें या स्वीकार न करें।

14 घंटे 129 महिलाओं को भूखा रखकर की गई स्टडी
नीदरलैंड की ग्रोनिंगन यूनिवर्सिटी में मनोवैज्ञानिक निएनके जोंकर और उनके सहकर्मियों ने 129 महिलाओं पर अध्ययन किया। इनमें से आधों को 14 घंटे तक भूखा रखा गया। इन सबसे उनकी भूख के स्तर, खाने की आदतें और मूड के बारे में पूछा गया। जिन महिलाओं को भूखा रखा गया था उनमें ज्यादा नकारात्मक भावनाएं, डिप्रेशन, गुस्सा, तनाव, थकान और भम्र को पाया गया। ये हमारे मूड खराब होने के प्रमुख कारण हैं। खराब मूड अक्सर हमें निराशावादी बना कर दुनिया के प्रति नजरिया बदल सकता है। अगर आप खराब मूड में हैं, तो आप नकारात्मक चीजों को बेहतर ढंग से याद रखते हैं। ये चीजें आपको और भी खराब मूड में डाल सकती है। भूख से आपका ध्यान भी भटका रहता है। इससे काम पर ध्यान देने में भी मुश्किल आती है।

भूख के कारण आप खुद पर खो देते हैं काबू
भूख में ऐसा क्यों महसूस होता है इसके सटीक कारणों को बता पाना थोड़ा मुश्किल है। ये शरीर में बल्ड ग्लूकोज के स्तर गिरने से खुद पर काबू खोने के कारण भी हो सकता है। वैसे तो दुनिया में ज्यादातर लोग नकारात्मक विचारों और भावनाओं से भरे हुए हैं। लेकिन, भूख हमारी इन भावनाओं और विचारों पर काबू करने की क्षमता को खत्म कर देती है।
मिड डे मिल से बच्चों के दिमाग में 16% सुधार हुआ
पर्याप्त पोषक तत्वों की कमी में मस्तिष्क विकसित होने और काम करने के लिए संघर्ष कर सकता है। रिसर्च में पता चला है कि भारत के स्कूलों में बच्चों के लिए खाने का इंतजाम होने के बाद बच्चों के दिमाग में 13% से 16% सुधार हुआ है।

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