RBI MPC बैठक का दूसरा दिन: रिलैक्स मूड में रिजर्व बैंक, एक्सपर्ट को ये है अनुमान
नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का आज यानी 9 अगस्त को दूसरा दिन है। गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक के नतीजों की घोषणा गुरुवार यानी 10 अगस्त को की जाएगी। ऐसा अनुमान है कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति इस बार भी रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं करेगी। इसका मतलब है कि लोन की ईएमआई में भी बदलाव नहीं होगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंता के बीच ब्याज दर में इस बार भी बदलाव नहीं करेगा। उनका कहना है कि मौद्रिक नीति समिति आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए कर्ज की लागत को स्थिर रखने पर ध्यान देगी।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: मास्टर कैपिटल सर्विसेज की निदेशक पलका अरोड़ा चोपड़ा के मुताबिक आगामी मौद्रिक नीति बैठक में आरबीआई लगातार तीसरी बार ब्याज दरों को मौजूदा स्तर पर बरकरार रख सकता है। इसका कारण मुद्रास्फीति दर में हालिया गिरावट है। मुद्रास्फीति 5% से नीचे आ गई है। पलका अरोड़ा चोपड़ा कहती हैं कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े बताते हैं कि भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जून में तीन महीने के उच्चतम स्तर 4.81% पर पहुंच गई। भले ही यह वर्तमान में आरबीआई की लिमिट यानी 6% से नीचे है, लेकिन इसका असर सब्जियों और दालों की कीमतों पर देखा जा सकता है। ऐसे में निकट भविष्य में मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी का जोखिम बरकरार रहेगा। इसके अलावा, मॉनसून और असमय बारिश सप्लाई चेन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
एयूएम कैपिटल में नेशनल-हेड वेल्थ, महेश अग्रवाल ने कहा कि रिजर्व बैंक अपनी आगामी मौद्रिक नीति बैठक में सतर्क और सख्त रुख बनाए रखेगा। मुद्रास्फीति में वृद्धि के कारण जुलाई में खाद्य पदार्थों की कीमतों में भी वृद्धि हो रही है। हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई आगामी नीति में नीतिगत दरों और रुख को अपरिवर्तित रखेगा।
बोफा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में भी रेपो रेट बढ़ाए जाने की आशंकाओं को खारिज किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि टमाटर की कीमतों में हाल में उछाल का बैठक के नतीजों पर असर नहीं पड़ेगा। कब हुआ था बदलाव: बता दें कि पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने रेपो दर में बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू किया था। हालांकि, फरवरी से केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर में बढ़ोतरी को रोक दिया। फरवरी की मौद्रिक समीक्षा बैठक में रेपो दर को 6.25 से बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत किया गया था।