विदेश में साजिश, फिर भारतीय कंपनी पर हो सकता है बड़ा खुलासा, मार्केट में मचेगा हड़कंप?
नईदिल्ली
आर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट्स (OCCRP) भारतीय कॉरपोरेट घरानों के बारे में बड़ा खुलासा करने की तैयारी में है. इस संगठन को अरबपति जार्ज सोरेस (George Soros) और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसी यूनिट्स का सपोर्ट है. इस साल जनवरी के आखिरी में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप को लेकर रिपोर्ट पब्लिश की थी. इसके बाद अडानी ग्रुप को वित्तीय रूप से भारी नुकसान उठाना पड़ा था. अब चारों तरफ इस बात को लेकर है कि OCCRP आखिर किस कारपोरेट घराने के बारे में खुलासा करने वाला है.
किस मामले पर हो सकती है रिपोर्ट?
OCCRP एक प्रसिद्ध भारतीय कॉर्पोरेट समूह पर खोजी रिपोर्ट पब्लिश करने के अंतिम चरण में है. मामले से वाकिफ सूत्रों के हवाले से एजेंसी ने लिखा कि होने वाले खुलासे का उद्देश्य उपरोक्त समूह द्वारा नियंत्रित भारतीय कंपनियों में विदेशी कोष से धन की राउंड ट्रिपिंग के कथित उदाहरण हैं. OCCRP की वेबसाइट के अनुसार, जार्ज सोरेस की यूनिट ओपन सोसाइटी फाउंडेशन उसे फंड देती है. अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस, सोरोस फंड मैनेजमेंट और ओपन सोसाइटी यूनिवर्सिटी नेटवर्क के प्रमुख हैं.
एजेंसियों की नजर
भारतीय नियामक एजेंसियां घरेलू वित्तीय बाजारों पर जल्द ही जारी होने वाली रिपोर्ट के संभावित प्रभाव पर कड़ी नजर रख रही हैं. साल 2006 में स्थापित OCCRP मीडिया घरानों के साथ साझेदारी के जरिए खोजी न्यूज आर्टिकल पब्लिश करता है. हालांकि, OCCRP की तरफ से इस संबंध में अभी तक कोई भी बयान सामने नहीं आया है. OCCRP की रिपोर्ट किस कॉरपोरेट घराने पर होगी, अभी तक ये पता नहीं चल पाया है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि खुलासे का संबंध विदेशी फंड से हो सकता है.
हिंडनबर्ग ने मचाया था हड़कंप
इस साल जनवरी के आखिरी में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर रिपोर्ट पब्लिश की थी. रिपोर्ट में उसने अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया था. इसके अलावा समूह पर स्टॉक में हेरफेर और अकाउंट फ्रॉड का आरोप लगाया था. हालांकि, अडानी समूह ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था. लेकिन इस रिपोर्ट की वजह से अडानी समूह को भारी वित्तीय नुकसना झेलना पड़ा था. समूह का मार्केट वैल्यू सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था और इसमें लगभग 145 बिलियन डॉलर की गिरावट आई थी.
सुप्रीम कोर्ट में मामला
Adani-Hindenburg मामले में सुप्रीम कोर्ट में 29 अगस्त 2023 को अगली सुनवाई कर सकता है. दरअसल, पहले समय बढ़ाए जाने की मांग को लेकर सेबी की एक्सपर्ट कमेटी ने कोर्ट को दी गई अपनी याचिका में कहा था कि उसने उद्योगपति गौतम अडानी की कंपनियों में हेर-फेर का कोई स्पष्ट पैटर्न नहीं देखा और कोई नियामक गड़बड़ी नहीं पाई गई. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने बीते 24 जनवरी 2023 को जारी अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर शेयरों में हेर-फेर और कर्ज से जुड़े 88 सवाल उठाए थे.