उत्तर प्रदेशराज्य

गोरक्षपीठ की परंपरा को मिशन शक्ति से लगातार विस्तार दे रहे सीएम योगी

लखनऊ
 गोरखनाथ मठ की परंपरा को मुख्यमंत्री बनने के बाद से योगी आदित्यनाथ मिशन शक्ति के जरिये लगातार विस्तार दे रहे हैं। एंटी रोमियो स्क्वाड, पिंक टॉयलेट, पिंक बूथ, पिंक बसें, पीएसी में महिला बटालियन, थाने में तैनात महिला पुलिसकर्मियों को पहली बार बीट पर तैनाती, लखपति दीदी, बैंक सखी, कृषि सखी, सुकन्या योजना, स्वयं सहायता समूहों का सशक्तिकरण, निराश्रित महिला पेंशन की पात्रता के लिए उम्र की सीमा खत्म करने के साथ धनराशि में वृद्धि जैसी योजनाएं इसका प्रमाण हैं।

मुख्यमंत्री का यह काम अपनी परंपरा, संस्कृति, संस्कार एवं इतिहास का सम्मान है। फिलहाल योगी सरकार में मिशन शक्ति का पांचवा चरण चल रहा है।

उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि, डबल इंजन की सरकार इसी परंपरा को लगातार आगे बढ़ा रही है। इसमें से मिशन शक्ति सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। शारदीय नवरात्रि के दिन ही मुख्यमंत्री ने मिशन शक्ति के प्रथम चरण की शुरुआत देवीपाटन (देश के प्रमुख शक्तिपीठों में एक) से की थी। समय और स्थान का चयन खुद में एक बड़ा संदेश था।

गोरखपुर के लोग मानते हैं कि योगी आदित्यनाथ जिस गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं, उसमें नारियों का बेहद सम्मान रहा है। हर साल दोनों नवरात्रि में पीठ में इसका जीवंत स्वरूप भी दिखता है। रोज की खास पूजा के बाद नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन से इसका समापन होता है।

खुद पीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री कन्याओं का पांव पखारते हैं। उनको भोजन कराते हैं और दक्षिणा देकर विदा करते हैं। महिलाओं की शिक्षा और स्वावलंबन पर भी गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ का वर्षों से खासा फोकस रहा है।

पीठ की ओर से संचालित शैक्षिक प्रकल्प महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद कई दशकों से आधी आबादी के शैक्षिक पुनर्जागरण और आर्थिक स्वावलंबन का अलग-अलग तरीकों से पूरे पूर्वांचल में अलख जगा रहा है। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के शिक्षण संस्थाओं में से कई में बालिकाओं के लिए सह शिक्षा (को-एजुकेशन) की व्यवस्था है।

करीब दर्जन भर ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जो विशेष तौर पर बालिकाओं की शिक्षा और उनके स्वावलंबन के लिए ही समर्पित हैं। महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज, महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज, महाराणा प्रताप टेलरिंग कॉलेज, दिग्विजयनाथ बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय, महाराणा प्रताप मीराबाई महिला छात्रावास, दिग्विजयनाथ महिला छात्रावास, गुरु गोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग, योगीराज बाबा गम्भीरनाथ निशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र जैसे संस्थानों से प्रतिवर्ष हजारों बालिकाएं अपने जीवन पथ पर ससम्मान आगे बढ़ रही हैं।

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी पीठ की परंपरा के अनुसार विभिन्न योजनाओं के जरिये अबला कही जाने वाली नारी को वह सबला बनाने में जुटे हैं, वह भी पूरी शिद्दत से।

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button