देश

CJI बीआर गवई का मन का दर्द: बोले— महिलाओं की नियुक्ति पर रह गया सबसे बड़ा मलाल

नई दिल्ली 
निवर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। इससे पहले उन्होंने अपने मन की बात करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का मलाल रहेगा कि वह सुप्रीम कोर्ट में किसी महिला जज को नियुक्त नहीं कर सके। आपको बता दें कि गवई के कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पांच न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया और वे सभी पुरुष थे।
 
सीजेआई गवई ने कहा, "मुझे इस बात का खेद है कि मैं सुप्रीम कोर्ट में किसी महिला जज को नहीं ला पाया, लेकिन हमने महिला जजों की सिफारिश की जिसमें सुप्रीम कोर्ट की वकील भी शामिल थीं।" उन्होंने जब इस बात का उल्लेख किया तो समारोह में न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना भी मौजूद थीं। वह भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस बनेंगी।

आपको बता दें कि यह विदाई समारोह 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के लेडीज बार रूम में आयोजित किया गया था। समारोह में 17 न्यायाधीशों ने भाग लिया। वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी पावनी ने समारोह का आयोजन किया। उन्होंने सीजेआई गवई के नेतृत्व की विनम्रता, सुलभता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए सराहना की।

अपने विदाई भाषण में सीजेआई गवई ने सभी को धन्यवाद दिया और कहा कि यह दिल्ली में उनका पहला विदाई समारोह था। उन्होंने अदालत में अनजाने में किसी को ठेस पहुंचाने के लिए माफी भी मांगी। इस अवसर पर उनकी विरासत संभालने वाले देश के अगले मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि सीजेआई गवई ने संस्था का नेतृत्व एक गतिशील तरीके से किया।

सीजेआई बीआर गवई के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किए गए पांच पुरुष न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति एन.वी. अंजारिया, न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई, न्यायमूर्ति ए.एस. चंदुरकर, न्यायमूर्ति आलोक अराधे और न्यायमूर्ति विपुल मनभाई पंचोली शामिल हैं।

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button