उत्तर प्रदेशराज्य

काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण में शामिल होंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण में शामिल होंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उत्तर–दक्षिण की सांस्कृतिक धरोहर को जोड़ने वाला एक अभिनव सेतु बन रहा तमिल संगमम

वाराणसी के नमो घाट पर होगा कार्यक्रम का शुभारंभ

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, तमिलनाडु के राज्यपाल आर. एन. रवि सहित अनेक विशिष्ट अतिथि होंगे उपस्थित

“तमिल करकलाम” (तमिल सीखें) थीम पर आधारित है इस वर्ष का आयोजन

वाराणसी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काशी तमिल संगमम् के चौथे संस्करण के उद्घाटन समारोह में शामिल होने हेतु 2 दिसंबर को वाराणसी पहुंचेंगे। उत्तर और दक्षिण भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने वाला यह महत्त्वपूर्ण आयोजन अब अपने चौथे संस्करण में प्रवेश कर चुका है। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ मंगलवार को नमो घाट पर होगा।

उद्घाटन समारोह में केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान, तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर. एन. रवि, पुडुचेरी के उपराज्यपाल श्री के. कैलाश नाथ सहित अनेक विशिष्ट अतिथि उपस्थिति दर्ज कराएंगे। “तमिल करकलाम” यानी “तमिल सीखें” की थीम पर आधारित इस आयोजन में तमिलनाडु से 1400 से अधिक प्रतिनिधि काशी पहुंच रहे हैं। काशी और तमिलनाडु के पारंपरिक कलाकार संयुक्त प्रस्तुति देते हुए भारतीय संस्कृति का अद्भुत संगम प्रस्तुत करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उद्घाटन समारोह के अलावा श्री काशी विश्वनाथ मंदिर तथा काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन करने भी जा सकते हैं।

कन्याकुमारी से रवाना हुआ छात्रों का दल, 2 दिसंबर को पहुंचेगा काशी

काशी तमिल संगमम् में शामिल होने हेतु छात्रों का पहला दल शनिवार सुबह कन्याकुमारी से विशेष ट्रेन द्वारा रवाना हुआ। कन्याकुमारी से 43, तिरुचिरापल्ली से 86 तथा चेन्नई से 87 छात्र इस यात्रा में सम्मिलित हुए हैं। यह दल मंगलवार को काशी पहुंचकर भ्रमण के बाद शाम को नमो घाट पर आयोजित उद्घाटन समारोह में प्रतिभाग करेगा।

डेलीगेट्स का काशी भ्रमण कार्यक्रम

तमिल संगमम् 4.0 के डेलीगेट्स सर्वप्रथम हनुमान घाट पहुंचेंगे, जहाँ वे गंगा स्नान, दक्षिण भारतीय परंपरा से जुड़े मंदिरों में दर्शन-पूजन तथा इतिहास से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। इसके उपरांत प्रतिनिधि श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा विश्वनाथ के दर्शन करेंगे और मां अन्नपूर्णा रसोई में प्रसाद ग्रहण करेंगे।

इसके बाद सभी प्रतिनिधियों को बीएचयू ले जाया जाएगा, जहाँ वे एकेडमिक कार्यक्रमों में शामिल होंगे और विश्वविद्यालय परिसर के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थलों का भ्रमण करेंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button